Kolkata: कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल हुए विधायक बायरन विश्वास, ममता सरकार ने दी सुरक्षा
बायरन ने पुलिस अधिकारी से कहा था कि अगर वह मुर्शिबाबाद लौटेंगे तो उन पर हमला हो सकता है। इसलिए उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा दी जाए। इसके बाद ममता सरकार ने बायरन के घर के साथ-साथ निजी अंगरक्षक के रूप में सशस्त्र पुलिस बल को तैनात कर दिया।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस छोड़कर तृणमूल में शामिल होने के 24 घंटे के भीतर ही विधायक बायरन विश्वास को ममता सरकार ने सुरक्षा दे दी। उन्होंने सोमवार को तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी के हाथों तृणमूल का झंडा थामा था। बायरन ने खुद कहा कि मंगलवार सुबह से उनकी सुरक्षा में पुलिस तैनात की गई है। मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज स्थित बायरन विश्वास के घर पर कई पुलिस वाले सुरक्षा में तैनात दिखे।
विधायक के घर की सुरक्षा के लिए आठ सशस्त्र सिपाही, दो सहायक उप निरीक्षकों को लगाया गया है। वहीं बायरन के अंगरक्षक के रूप में तीन सिपाही, एक उपनिरीक्षक और एक सहायक उपनिरीक्षक को तैनात किया गया है। बायरन ने सोमवार को बदलाव के बाद अपनी सुरक्षा के बारे में राज्य के पुलिस अधिकारी से फोन पर बात की थी।
बायरन ने पुलिस अधिकारी से कहा था कि अगर वह मुर्शिबाबाद लौटेंगे तो उन पर हमला हो सकता है। इसलिए उन्हें और उनके परिवार को सुरक्षा दी जाए। इसके बाद ममता सरकार ने बायरन के घर के साथ-साथ निजी अंगरक्षक के रूप में सशस्त्र पुलिस बल को तैनात कर दिया।
दो मार्च को कांग्रेस की जीत के बाद से, सागरदिघी के विधायक अपनी सुरक्षा के लिए राज्य सरकार को पत्र भी लिखा था। सुरक्षा नहीं मिलने पर उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसके बाद इसी माह कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस राजशेखर मंथा ने राज्य पुलिस को उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया था। इसके बाद भी बायरन ने आरोप लगाया था कि उन्हें सही से सुरक्षा नहीं दी जा रही है, लेकिन सोमवार को दलबदलने के बाद ही उनकी मांग से अधिक सुरक्षा मिल गई।
जयराम रमेश ने तृणमूल पर साधा निशाना
दूसरी ओर इस दलबल को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को बायरन के तृणमूल में शामिल होने को लेकर ट्वीट कर तृणमूल कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल भाजपा का हाथ मजबूत कर रही है।
जयराम ने कहा लिखा कि उनकी पार्टी की ऐतिहासिक जीत के तीन महीने बाद, कांग्रेस विधायक के रूप में चुने गए बायरन बिस्वास को तृणमूल ने अपने पाले में कर लिया। यह सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र की जनता के साथ पूरी तरह से धोखा है।
जयराम रमेश ने कहा कि गोवा, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य राज्यों में जिस तरह से पार्टी को तोड़ा गया वह विपक्षी एकता को मजबूत करने के लिए नहीं किया गया था और केवल भाजपा के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया गया।