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Mission Bengal Amit Shah : दक्षिणेश्वर के बाद मतुआ समुदाय के मंदिर गए शाह, मतुआ के घर भोजन भी किया

Mission Bengal Amit Shah केंद्रीय गृह मंत्री को भोजन में चावल रोटी शुक्तो मूंग दाल तूर दाल पनीर चटनी व खीर परोसा गया। नवीन विश्वास की पत्नी ने खुद खाना तैयार किया था। एक दिन पहले गुरुवार को बांकुड़ा जिले में भी एक आदिवासी के घर भोजन किया था।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 06 Nov 2020 05:05 PM (IST)Updated: Fri, 06 Nov 2020 06:19 PM (IST)
Mission Bengal Amit Shah : दक्षिणेश्वर के बाद मतुआ समुदाय के मंदिर गए शाह, मतुआ के घर भोजन भी किया
बंगाल की राजनीति में मतुआ समुदाय का खासा प्रभाव है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन शुक्रवार सुबह केंद्रीय गृह मंत्री व वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह ने सर्वप्रथम कोलकाता के दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद पार्टी नेताओं के साथ सांगठनिक बैठक के पश्चात शाह कोलकाता के न्यूटाउन से सटे गौरांगनगर में मतुआ समुदाय के मंदिर पहुंचे। शाह के यहां आने को लेकर मतुआ समुदाय के लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा गया और सड़क के दोनों किनारे लोगों का भारी हुजूम उमड़ पड़ा था। 

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मतुआ समुदाय की महिलाओं ने फूलों की बारिश भी की

यहां पहुंचने पर मतुआ समुदाय की महिलाओं ने शाह पर फूलों की बारिश भी की। यहां दर्शन के बाद वह मतुआ समुदाय से आने वाले अपने पार्टी कार्यकर्ता नवीन विश्वास के घर पहुंचे जहां उन्होंने दोपहर का भोजन किया। इससे एक दिन पहले गुरुवार को बांकुड़ा जिले में भी शाह ने एक आदिवासी के घर भोजन किया था। इधर, मतुआ के घर पर भी शाह ने जमीन पर बैठकर भोजन किया। 

शाह के साथ भाजपा के अन्य नेताओं ने भी भोजन किया

इस दौरान उन्हें भोजन के मेनू में चावल, रोटी, छोला व मूंग दाल, बैंगन भाजा, पनीर, शुक्तो, चटनी और गुड़ का पायस परोसा गया। नवीन विश्वास की पत्नी ने खुद यह खाना तैयार किया था। खाने को केले के पत्ते पर परोसा गया। शाह के साथ भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी भोजन किया। बता दें कि बंगाल की राजनीति में मतुआ समुदाय का खासा प्रभाव है। 

विधानसभा सीटों पर मतुआ समुदाय की जबरदस्त पकड़

खासकर उत्तर व दक्षिण 24 परगना एवं नदिया जिले की 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर मतुआ समुदाय की जबरदस्त पकड़ है। यह समुदाय बांग्लादेश से पलायन करके आया था और वर्षों से यहां शरणार्थी के रूप में रह रहे हैं। बंगाल में मतुआ समुदाय के करीब 70 लाख शरणार्थी रहते हैं, जिन पर भाजपा व तृणमूल दोनों की नजर है।


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