मकर संक्रांति पर गंगासागर में 46 लाख तीर्थयात्रियों ने लगाई श्रद्धा की डुबकी
मकर संक्रांति पर सागर मेला परिसर में सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम रहे। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात दिखे।
गंगासागर, विशाल श्रेष्ठ। बुधवार को गंगासागर में सूर्यदेव कुछ ज्यादा ही चमकीले दिख रहे थे। उन्होंने मकर राशि में प्रवेश कर हिंदुओं की आस्था के महापर्व मकर संक्रांति की उद्घोषणा जो कर दी थी और इसी के साथ मां गंगे और जल पिता सागर के पावन मिलन स्थल पर पुण्य स्नान का दौर भी शुरू हो गया। मकर संक्रांति पर सागर मेले की अवधि के दौरान देश के कोने-कोने एवं नेपाल, भूटान, मॉरीशस,अमेरिका, फ्रांस, बेलारूस, बांग्लादेश समेत कई देशों से लगभग 46 लाख की संख्या में पहुंचे तीर्थयात्रियों ने यहां पुण्य डुबकी लगाकर मोक्ष की कामना की। सागर तट पर जनसमुद्र उमड़ पड़ा था। श्रद्धा के ज्वार में सभी बहे जा रहे थे।
पुण्य स्नान के बाद सागर तट पर गोदान, पूजा-अर्चना व दान दक्षिणा के बाद सबके कदम बरबस कपिलमुनि मंदिर की तरफ बढ़े जा रहे थे। कपिलमुनि की जय जयकार से पूरा मेला परिसर भक्ति रस से सराबोर हो गया था। मंदिर में कपिलमुनि, राजा सगर व अन्य देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना की गई। देर रात तक दर्शन- पूजन का दौर चलता रहा। चूंकि मकर संक्रांति रात 1 बजकर 24 मिनट से ही लग गई थी इसलिए देर रात से ही पुण्य स्नान शुरू हो गया था और पौ फटने के बाद तो भीड़ बढ़ती ही चली गई।
सुरक्षा के रहे बेहद कड़े इंतजाम
मकर संक्रांति पर सागर मेला परिसर में सुरक्षा के बेहद कड़े इंतजाम रहे। चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मी तैनात दिखे। कंट्रोल रूम से सागर मेला परिसर में लगाए गए एक हजार से ज्यादा क्लोज सर्किट टीवी कैमरे के वीडियो फुटेज पर निगरानी रखी जा रही थी। सागरद्वीप के आसमान पर ड्रोन भी मंडरा रहे थे। सागर में तटरक्षक बल, नौसेना और एनडीआरएफ- एसडीआरएफ के बोट मुस्तैद थे। सागर तट से मंदिर जाने वाले रास्ते पर पहले ही बैरिकेडिंग कर दी गई थी। तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए स्वयंसेवक सक्रिय थे। समाजसेवी संस्थाओं की ओर से तीर्थयात्रियों में दही- चूड़ा और खिचड़ी का वितरण किया गया।
पुरी के शंकराचार्य ने किया शाही स्नान
पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने मकर संक्रांति पर गंगासागर में शाही स्नान किया। शंकराचार्य अपने 500 से ज्यादा अनुयायियों के साथ स्नान करने पहुंचे थे। गंगासागर में शाही स्नान के बाद शंकराचार्य इसी दिन कोलकाता लौट गए और गुरुवार को वे बिहार के मुंगेर का रुख करेंगे।