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भगाड़ मांस कांड को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका, भगाड़ कांड का सरगना गिरफ्तार

भगाड़ मांस कांड की शुरुआत दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज से हुई थी। जहां भगाड़ में फेंके हुए जानवरों के शरीर से मांस निकाल कर टैक्सी में भरकर लाते समय लोगों ने पकड़ लिया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Fri, 04 May 2018 11:54 AM (IST)Updated: Fri, 04 May 2018 05:04 PM (IST)
भगाड़ मांस कांड को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका, भगाड़ कांड का सरगना गिरफ्तार
भगाड़ मांस कांड को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका, भगाड़ कांड का सरगना गिरफ्तार

कोलकाता, जागरण संवाददाता। कचरा डंपिंग ग्राउंड (भगाड़) में फेंके हुए मृत जानवरों के मांस की आपूर्ति मामला गुरुवार को कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंच गया। पर्यावरणविद् सुभाष दत्ता ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। खबर है कि उक्त याचिका पर आगामी सोमवार को सुनवाई हो सकती है।

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भगाड़ मांस कांड की शुरुआत दक्षिण 24 परगना जिले के बजबज से हुई थी। जहां भगाड़ में फेंके हुए जानवरों के शरीर से मांस निकाल कर टैक्सी में भरकर लाते समय लोगों ने पकड़ लिया। इसके बाद तो 20 टन मांस बरामद हुए। 12 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। इसी बीच पुलिस को मृत मुर्गियों के सड़े हुए मांस आपूर्ति करने के मामले का पता चला।

जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ी वैसे-वैसे सड़े हुए मांस के कालेकारोबार का भंडाफोड़ होने लगा। कांकीनाड़ा, टेंगरा समेत कई इलाकों से गिरफ्तारी हुई। भगाड़ के मांस को केमिकल के जरिए संरक्षित रखकर ताजे मांसों के साथ मिलाकर उसे विभिन्न होटलों व रेस्तारांओं में आपूर्ति की जा रही थी।

यहां तक कि इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों ने स्वीकार किया है कि कुत्ते व बिल्लियों के मांस भी वे लोग संग्रह करते थे और ताजे मांस में मिलाकर आपूर्ति करते थे। यही नहीं पिछले पांच दिनों से राज्यभर में छापेमारी की जा रही है, जिसमें कई जगहों पर सड़े हुए मांस मिले हैं। इसी को लेकर सुभाष दत्त ने याचिका दायर की है। उनका कहना है कि राज्य के अधिकांश मांस व चिकेन व्यंजन बेचने वाले दुकान पंजीकृत नहीं हैं। छोटी से लेकर कई बड़ी दुकान बिना खाद्य लाइसेंस के चल रही है।

इसीलिए भगाड़ के मांस की आपूर्ति का मामला सामने आया है। उन्होंने अदालत को कहा है कि पिछले दो सालों में खाद्य पदाथरें की दुकानों परीक्षण किया गया है, इसमें से अधिकांश पास नहीं हुआ है। ऐसी स्थिति में यदि 2006 खाद्य सुरक्षा कानून को कड़ाई से लागू नहीं किया गया तो लोगों के स्वास्थ्य से बार-बार खिलवाड़ होता रहेगा।

सरगना के कोल्ड स्टोरेज से ही बरामद हुआ था 20 टन मांस

कचरा डंपिंग ग्राउंड (भगाड़) में फेंके गए मृत जानवरों व पशुओं के मांस का कारोबार चलाने वाला सरगना को विशेष जांच दल (एसआइटी) ने आखिरकार बुधवार की रात को गिरफ्तार कर लिया। उसका नाम विश्र्वनाथ गराई उर्फ बिशु (52) है। इसकी गिरफ्तारी गरिया रेलवे स्टेशन के निकट से हुई है। उससे पूछताछ में भगाड़ मांस कांड से जुड़ी कई अहम जानकारी एसआइटी को हाथ लगी है।

विश्वनाथ ही राजाबाजार से सटे नारकेलडांगा स्थित कोल्ड स्टोरेज का मालिक है जहां से 20 टन मृत जानकारों के मांस मिले थे। इसी कोल्ड स्टोरेज में मृत जानवरों का मांस रखा जाता था और वहीं से उसकी आपूर्ति विभिन्न रेस्तरां, होटलों व फूटपाथ पर किया जाता था। बिशु मूल से रूप से दक्षिण 24 परगना जिले के सोनारपुर का रहने वाला है। डायमंड हार्बर के पुलिस अधीक्षक कोटेश्वर राव ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें एक पार्टी के नेता भी शामिल है। बताते चलें कि नदिया से माकपा के पूर्व पार्षद की गिरफ्तारी हुई है।

एसआइटी अब बिशु के माध्यम से उन लोगों की तलाश में जुट गई है जिसके माध्यम से वह रेस्तरां व होटलों में मांस आपूर्ति करता था। साथ ही उन होटलों व रेस्तरां के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है जो इन लोगों से मांस खरीदता था। वहीं दूसरी ओर विभिन्न जिलों में मरी हुई मुर्गियों के मांस व भगाड़े वाले मांस की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी है।

फुटपाथ पर मांस व चिकेन वाले व्यंजनों की शुरू की जांच

कोलकाता नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने महानगर के विभिन्न इलाकों में फुटपाथ पर बेची जा रही मांस व चिकेन से बने व्यंजनों की गुरुवार से पड़ताल शुरू कर दी है। मेयर परिषद सदस्य(स्वास्थ्य) अतीन घोष के नेतृत्व में यह जांच शुरू की गई है। साथ ही मीट व चिकेन से तैयार व्यंजनों का नमूना भी एकत्र किया गया है जिसे जांच के लैब को भेजा जाएगा।


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