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कोलकाता के कोविड वार्ड में तैनात कई डाक्टर ले रहे हैं टीका का तीसरा शाट

एक निजी अस्पताल में जहां एक दर्जन से अधिक डाक्टर कोरोना टेस्ट में कोरोना पोजिटिव आए गए थे ने पिछले दो महीनों में कोविड वार्डों में अपने कई डाक्टरों को तीसरी खुराक प्राप्त कराने में मदद की है

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 12 Dec 2021 09:55 AM (IST)Updated: Sun, 12 Dec 2021 09:55 AM (IST)
कोलकाता के कोविड वार्ड में तैनात कई डाक्टर ले रहे हैं टीका का तीसरा शाट
कोलकाता के कोविड वार्ड में तैनात कई डाक्टर ले रहे हैं टीका का तीसरा शाट

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। महानगर में डाक्टरों का एक वर्ग अनौपचारिक रूप से तीसरा शाट लेने के लिए प्रत्येक कोविशील्ड शीशी में अतिरिक्त खुराक का उपयोग कर रहा है। क्योंकि उन्हें अपने दो निर्धारित टीकों को लगवाने के आठ महीने से अधिक समय बाद अपनी प्रतिरोधक क्षमता में गिरावट का डर है। ये मेडिक्स इस उद्देश्य के लिए जिन अस्पतालों से जुड़े हैं, उनकी मदद ले रहे हैं। अस्पताल भी इस व्यवस्था से खुश हैं क्योंकि इससे उनके कई फ्रंटलाइन कोविड डाक्टरों को बिना किसी चिंता के काम पर वापस आने में मदद मिली है।

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एक निजी अस्पताल में जहां एक दर्जन से अधिक डाक्टर कोरोना टेस्ट में कोरोना पोजिटिव आए गए थे, ने पिछले दो महीनों में कोविड वार्डों में अपने कई डाक्टरों को तीसरी खुराक प्राप्त कराने में मदद की है। इन सभी मेडिक्स ने अप्रैल तक अपना टीकाकरण पूरा कर लिया था और परीक्षणों में उनके एंटीबाडी के स्तर में गिरावट देखी गई थी। अस्पताल के एक वरिष्ठ डाक्टर ने कहा, वे अपनी कमजोर प्रतिरक्षा के बारे में चिंतित थे और उन्हें संक्रमित होने का डर था क्योंकि वे लगातार कोविड वार्डों में काम कर रहे थे।

अस्पताल के एक वरिष्ठ डाक्टर ने कहा कि कुछ डाक्टरों ने अपने एंटीबॉडी स्तर की जांच की, और उसमें उन्हें गिरावट दिखाई दी। उन्होंने कहा, इसलिए उन्होंने कोविशील्ड शीशियों की 11वीं खुराक ले ली। इसने उन्हें उनकी चिंताओं से मुक्त कर दिया है और उन्हें रोगियों की और कुशलता से सेवा करने में मदद की है। एसोसिएशन आफ हास्पिटल्स आफ ईस्टर्न इंडिया(एटईआइ) स्वास्थ्य कर्मियों के लिए तीसरी खुराक की मांग के लिए केंद्र को पत्र लिखने की योजना बना रहा है। एएमआरआइ हास्पिटल्स के सीईओ, एएचईआइ के अध्यक्ष रूपक बरुआ ने कहा, हमारे पास अभी स्टाक में पर्याप्त टीके हैं और उनका इस्तेमाल हमारे अग्रिम पंक्ति के योद्धाओं की सुरक्षा के लिए किया जाना चाहिए।

कुछ अस्पताल कोवैक्सीन और कोवैक्सीन शीशियों का उपयोग करने की भी योजना बना रहे हैं जिनकी एक्सपायरी डेट नजदीक है। ईएम बाईपास स्थित एक अस्पताल के एक डाक्टर ने कहा, उनके बर्बाद होने के बजाए उन डोज्स को डाक्टरों पर इस्तेमाल करना समझदारी है, जिन्हें सुरक्षा की जरूरत है।

विशेषत्र तीसरी खुराक की प्रभावकारिता को लेकर नहीं है सुनिश्चित

इंस्टीट्यूट आफ पोस्ट-ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के प्रोफेसर दिप्तेंद्र सरकार, हालांकि, तीसरी खुराक की प्रभावकारिता के बारे में सुनिश्चित नहीं हैं। मौजूदा टीकों द्वारा उत्पन्न एंटीबाडी की लंबी उम्र पर अभी तक कोई सबूत नहीं है। इसके अलावा, टीके टी कोशिकाओं, बी कोशिकाओं और मेमोरी कोशिकाओं को भी उत्पन्न करते हैं जो सुरक्षा प्रदान करते हैं। इसलिए, यह स्पष्ट नहीं है कि क्या उसी तरह की तीसरा टीके से कोई फर्क पड़ेगा जब हमारे पास पहले से ही एक नया संस्करण प्रचलन में है।

पीयरलेस हॉस्पिटल के माइक्रोबायोलॉजिस्ट भास्कर नारायण चौधरी के अनुसार, तीसरा टीका नयाहोना चाहिए, जिसे नए स्ट्रेन से लड़ने के लिए बदल दिया जाए। कोई भी टीका कुछ सुरक्षा प्रदान करेगा लेकिन अब ओमीक्रोन वेरिएंट आ गया है इसलिए तीसरा टीका इसे रोकेने के लिए भी होना चाहिए। चौधरी ने आगे कहा कि पुराने टीके शायद इस स्टेज पर काम नहीं करेंगे। 


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