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Manipur Landslide: मणिपुर भूस्खलन में बचाव कार्य युद्धस्‍तर पर, 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचाया गया

मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर भूस्खलन की घटना में बंगाल के दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के 11 गोरखा जवानों सहित 24 लोगों की मौत हो गई। खोज व बचाव अभियान युद्धस्‍तर पर जारी। अब तक प्रादेशिक सेना के 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचाया गया।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sat, 02 Jul 2022 01:40 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 07:15 PM (IST)
Manipur Landslide: मणिपुर भूस्खलन में बचाव कार्य युद्धस्‍तर पर, 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचाया गया
मणिपुर में लैंडस्‍लाइड के बाद खोज व बचाव कार्य में जुटी भारतीय सेना। फोटो स्रोत: एएनआइ।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। Manipur Landslide: मणिपुर के नोनी जिले में एक रेलवे निर्माण स्थल पर हुई भूस्खलन (Landslide in Noni district of Manipur) की घटना में बंगाल के दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र के 11 गोरखा जवानों सहित 24 लोगों की मौत हो गई है। इसपर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamta Banerji) ने शुक्रवार को गहरा दुख व्यक्त किया। मरने वाले सभी जवान प्रादेशिक सेना की 107वीं बटालियन का हिस्सा थे। वहीं अब तक प्रादेशिक सेना के 13 जवानों और पांच नागरिकों को बचाया गया है।  गौरतलब है कि घटनास्थल से अब तक 17 शव बरामद किए जा चुके हैं। अब भी मलबे में कई लोग दबे हुए हैं। मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है। उधर, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Manipur CM N Biren Singh) ने हादसे में जान गंवाने वालों के स्वजन को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है।

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सेना शिविर के पास हुआ लैंडस्‍लाइड

उल्लेखनीय है कि भूस्खलन टुपुल यार्ड रेलवे निर्माण शिविर (Tupul Yard Railway Construction Camp) में बुधवार रात को हुआ था। निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा में तैनात प्रादेशिक सेना (Territorial Army) का शिविर भी इस भूस्खलन की चपेट में आ गया था। बचाव एवं तलाशी अभियान अभी भी युद्धस्तर पर जारी है। अधिकारियों ने बताया कि सेना, असम राइफल्स (Assam Rifles) , प्रादेशिक सेना  (Territorial Army), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) द्वारा खोज एवं बचाव (Search and Rescue) अभियान चलाया जा है। अब भी करीब 40 से अधिक लोग लापता बताए जा रहे हैं। मरने वालों में ज्यादातर प्रादेशिक सेना के जवान शामिल हैं। इससे पहले पूर्वी सेना कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता ने घायल प्रादेशिक सेना के जवानों से मुलाकात की, जिन्हें गुरुवार को लीमाकोंग सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, अब उनका इलाज मंत्रिपुखरी में असम राइफल्स के अस्पताल में चल रहा है।


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