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करुणानिधि की अंत्येष्टि पर मोदी-ममता की हुई फोन पर बात

- करुणानिधि को मरीना बीच पर जगह मिलने पर जताया संतोष - दिवंगत डीएमके नेता को दी श्रद्धांजलि राज्

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 07:23 PM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 07:23 PM (IST)
करुणानिधि की अंत्येष्टि पर मोदी-ममता की हुई फोन पर बात
करुणानिधि की अंत्येष्टि पर मोदी-ममता की हुई फोन पर बात

- करुणानिधि को मरीना बीच पर जगह मिलने पर जताया संतोष

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- दिवंगत डीएमके नेता को दी श्रद्धांजलि

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: बात-बात पर केंद्र सरकार का विरोध करने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चेन्नई में एम करुणानिधि की अंत्येष्टि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। ममता ने करुणानिधि को चेन्नई के मरीना बीच पर दफनाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री से बातचीत की। ममता करुणानिधि की हालत खराब होने पर मंगलवार को दोपहर बाद ही चेन्नई के लिए रवाना हुई थीं। चेन्नई के मरीना बीच में करुणानिधि को दफनाए जाने के डीएमके की मांग को तमिलनाडु सरकार के इनकार करने पर ममता ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की। उन्होंने पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री प्लानिस्वामी को फोन किया। लेकिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से उनकी बात नहीं हो सकी। उसके बाद ममता ने इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बातचीत की। ममता ने खुद संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि उन्होंने इस बारे में प्रधानमंत्री से फोन पर बातचीत की। हालांकि बाद में मद्रास हाईकोर्ट ने करुणानिधि को मरीना बीच में दफनाने के लिए डीएमके के पक्ष में फैसला सुनाया। हाईकोर्ट के फैसले पर ममता ने कहा कि उन्हें संतोष हुआ कि करुणानिधि का शव मरीना बीच में दफनाया जाएगा। ममता ने करुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी आत्मा की शांति की कामना की। उन्होंने मंगलवार को ही करुणानिधि के बेटे स्टालीन, बेटी कनीमोजी और अन्य पारिवारिक सदस्यों से मिलकर उनके प्रति संवेदन व्यक्त की थी। मरीना बीच पर करुणानिधि की अंत्येष्टि के समय तृणमूल कांग्रेस सांसद व पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डेरेक ओब्रायन उपस्थित थे।

इसके पहले डीएमके की ओर से हाईकोर्ट में यह तर्क दिया गया कि एम जी रामचंद्रन को अन्नादूरई की समाधि के पास जगह दी गई। इसलिए कि वह उनकी विचारधारा को मानने वाले थे। जयललिता को भी वहां जगह मिली। इसलिए कि वह एमजीआर की विचारधारा को मानती थी। करुणानिधि भी अन्नादुराई की विचारधारा को अपनाया और उसे आगे बढ़ाया। इसलिए उन्हें भी मरीना बीच में जगह मिलनी चाहिए। हाईकोर्ट ने डीएमके की इस तर्क को मानते हुए उसके पक्ष में फैसला सुना दिया।


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