कलकत्ता में 1946 में हुए दंगों पर आधारित फिल्म है 'दंगा-द रायट'
कलकत्ता हाईकोर्ट से फिल्म के प्रदर्शन की अनुमति मिलने के बाद निर्देशक ने सीएम से किया अनुरोध।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता में 1946 में हुए दंगों पर आधारित मिलन भौमिक की विवादित फिल्म 'दंगा-द रायट' को बंगाल में प्रदर्शित करने की कलकत्ता हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद अब इसके निर्देशक ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस फिल्म को देखने का अनुरोध किया है।
फिल्म निर्देशक भौमिक ने शुक्रवार को कहा कि उनकी फिल्म की स्क्रीनिंग के लिए बुधवार को हाईकोर्ट ने अनुमति दे दी है जिसके बाद मैं चाहता हूं कि माननीय मुख्यमंत्री भी फिल्म देखने के लिए आएं। उन्होंने कहा, हम मानते हैं मुख्यमंत्री का काफी व्यस्त शेड्यूल है और उनके पास बहुत काम है लेकिन इसके बावजूद मैं आग्रह करता हूं कि वह इस फिल्म को देखें। इसके लिए हम उनका बहुत आभारी रहेंगे। भौमिक ने कहा, मुझे पूरी उम्मीद है कि यह इस फिल्म की कहानी व दृश्य ममता को पसंद आएगी।
आगे उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री बनर्जी जो खुद कला का बहुत सम्मान करती हैं इसलिए हम आशा करते हैं कि वह इस फिल्म को देखें ताकि उन्हें पता चले कि कैसे दंगों को रोकने के लिए विभिन्न समुदायों लोगों ने एकता प्रदर्शित करते हुए अंग्रेजी हुकूमत को मजबूर किया था।
उल्लेखनीय है कि इस फिल्म के प्रदर्शन को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। फिल्म में जनसंघ के संस्थान डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का गुणगान किया गया है। इसमें दिखाया गया है कि किस तरह से डॉ मुखर्जी ने अगस्त 1946 में मुस्लिम लीग द्वारा कराए गए दंगे को रोकने के लिए ब्रिटिश शासन को मजबूर किया, जिससे हजारों हिंदुओं की जान बची। फिल्म में अभिनेता गजेंद्र चौहान ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी के किरदार की मुख्य भूमिका निभाई है।
इससे पहले फिल्म के निर्देशक मिलन भौमिक ने बंगाल सरकार पर यह आरोप लगाते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि सरकार ने राज्य भर के सिनेमा हॉल मालिकों पर फिल्म नहीं प्रदर्शित करने के लिए दबाव बना रखा है। उसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने फिल्म प्रदर्शित करने का निर्देश दिया। भौमिक ने बताया कि आठ जून को पूरे राज्य में फिल्म रिलीज होगी। इस फिल्म में बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी द्वारा लिखी गई एक कविता भी है और बिहार, झारखंड, त्रिपुरा और असम में पहले ही प्रदर्शित हो चुकी है।