ममता के निवास पर आए थे वाजपेयी, अटल के प्रति ममता कुछ ज्यादा ही सम्मान भाव रखती थीं
एनडीए से अलग होने के बावजूद वाजपेयी के साथ ममता बनर्जी का संपर्क बना रहा। ममता हर साल 25 दिसंबर को जन्मदिन पर उन्हें बधाई देना नहीं भूलती थीं।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री रहते अटल बिहारी वाजपेयी जुलाई 2000 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट निवास पर आए थे। उन्होंने ममता बनर्जी की मां गायत्री देवी से मुलाकात की और उनके हाथ के बनाया पकवान भी खाया था। गायत्री देवी ने अटल बिहारी वाजपेयी को आर्शीवाद दिया था। वाजपेयी के प्रति ममता कुछ ज्यादा ही सम्मान भाव रखती थीं।
ममता जब एनडीए में थीं तो वाजपेयी एक तरह से उनके राजनीतिक गुरु की तरह थे। 1998-99 में वाजपेयी के मंत्रिमंडल में ही ममता को महत्वपूर्ण रेल मंत्रालय मिला था। रेलमंत्री के रूप में ममता को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली। लेकिन 2001 में तहलका कांड पर ममता विरोध जताते हुए एनडीए से बाहर हो गईं।
ममता ने 2001 में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर राज्य विधानसभा का चुनाव लड़ा। लेकिन इसके बावजूद वह माकपा को हरा नहीं पाईं। बाद में अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तिगत अनुरोध पर ममता फिर एनडीए में वापस लौटी।
उन्होंने 2004 का लोकसभा चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा। लेकिन ममता को चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा। वह मात्र अपनी सीट बचा पाई। एकमात्र ममता को छोड़कर 2004 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के सभी उम्मीदवार चुनाव हार गए।
वाजपेयी के अनुरोध पर ही ममता ने 2006 में राज्य विधानसभा का चुनाव भाजपा के साथ मिलकर लड़ा। तृणमूल भाजपा गठबंधन को राज्य विधानसभा में 30 सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन बाद में ममता एनडीए से बाहर हो गईं। उन्होंने 2011 में राज्य विधानसभा का चुनाव कांग्रेस के साथ मिल कर लड़ा जिसमें उन्हें भारी जीत हासिल हुई और वह मुख्यमंत्री बनीं।
एनडीए से अलग होने के बावजूद अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ममता बनर्जी का संपर्क बना रहा। ममता हर साल 25 दिसंबर को अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उन्हें बधाई देना नहीं भूलती थीं।