सात वर्ष की हुई ममता सरकार
-ममता ने कहा, बंगाल बनेगा विश्व बांग्ला -जनता के प्रति प्रकट किया आभार -20 मई 2011 को पहली बार
-ममता ने कहा, बंगाल बनेगा विश्व बांग्ला
-जनता के प्रति प्रकट किया आभार
-20 मई 2011 को पहली बार बनी थी तृणमूल सरकार
जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस सरकार ने रविवार को सात साल पूरा कर लिया। तृणमूल ने 20 मई, 2011 में 34 साल तक सत्ता पर काबिज रहे वाममोर्चा को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। ममता बनर्जी ने मां, माटी, मानुष का नारा देते हुए बतौर बंगाल की पहली महिला मुख्यमंत्री की शपथ ली थी। इसके बाद साल 2016 विधानसभा चुनाव में फिर से सत्ता हासिल करने के बाद 27 मई, को दूसरी बार ममता बनर्जी मुख्यमंत्री बनीं।
रविवार को सात साल पूरे होने पर एक बार ममता बनर्जी ने बंगाल की जनता के प्रति आभार प्रकट किया। सुश्री बनर्जी ने ट्वीटर पर लिखा '20 मई 2011, पहली बार मां, माटी, मानुष की सरकार ने शपथ ली थी। आज इस विशेष दिन पर मैं जन साधारण का अभिनंदन करती हूं, हम लोगों के लिए काम करते रहेंगे, बंगाल बनेगा विश्व बांग्ला और यही हमारी उपलब्धि होगी।'
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बीते लम्हें
साल 2011 में जब ममता बनर्जी ने बतौर बंगाल की पहली महिला सीएम शपथ ली थी तब उनके शपथ ग्रहण समारोह में 3200 लोगों को आमंत्रित किया गया था। इसके अलावा भी राजभवन के प्रांगण में शपथ ग्रहण देखने के लिए चार हजार से अधिक लोग एकत्रित हुए थे। इनमें विशिष्ट लोगों के साथ, पूर्व सीएम बुद्धदेव भंट्टाचार्य, वामो चेयरमैन विमान बोस, पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम, तत्कालीन केंद्रीय मंत्री व पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखजी सरीखे नेता हाजिर हुए थे। जब ममता बनर्जी ने शपथ के शब्द पढ़े 'मैं ममता बनर्जी ..' तब पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा था।
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बनते बिगड़ते सियासी समीकरण
यह बात दीगर है इन सात साल के कार्यकाल के दौरान ममता बनर्जी नित तृणमूल कांग्रेस ने कई सियासी उतार चढ़ाव देखे हैं। बावजूद इसके बंगाल में तृणमूल का कद कहीं न कहीं बढ़ा ही है और जनादेश पक्ष में आते रहा है फिर चाहे 2016 का विधानसभा चुनाव हो अथवा 17 मई को आए पंचायत चुनाव के नतीजे। इस बीच सियासी समीकरण में एक बड़ा बदलाव हुआ है और नंबर दो पर रहने वाली माकपा के साथ मुख्य विपक्षी कांग्रेस लगातार हाशिए पर पहुंच रही है। वहीं, भाजपा राज्य में नंबर दो बनकर उभरी है। ममता बनर्जी लगातार भाजपा के खिलाफ मूखर हैं और उन्होंने भाजपा और केंद्र से लोहा लेना जारी रखा है।
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राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करने की जुगत
मौजूदा समय में ममता बनर्जी एकलौती ऐसी बड़ी नेता हैं जो जनता की ताकत के दम पर भाजपा से सीधे टक्कर ले रही हैं। अब ममता बनर्जी 2019 लोकसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी खुद को राष्ट्रीय राजनीति में स्थापित करने की जुगत में हैं और फेडरल फ्रंट गठित करने का उनके प्रयास को इसी परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है।