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Mamta Banerjee ने कहा- राज्य सरकार से बात किए बगैर बैंकों के विलय का लिया गया फैसला

Mamta Banerjee ने कहा है कि राज्य सरकार से सलाह लिए बिना बैंकों के विलय का एकतरफा फैसला लिया गया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 07 Sep 2019 01:07 PM (IST)Updated: Sat, 07 Sep 2019 01:07 PM (IST)
Mamta Banerjee ने कहा- राज्य सरकार से बात किए बगैर बैंकों के विलय का लिया गया फैसला
Mamta Banerjee ने कहा- राज्य सरकार से बात किए बगैर बैंकों के विलय का लिया गया फैसला

जागरण संवाददाता, कोलकाता । महानगर मुख्यालय आधारित सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के विलय पर चिंता जाहिर करते हुए बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार से सलाह लिए बिना बैंकों के विलय का एकतरफा फैसला लिया गया।

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सीएम ने मुख्यालय स्थानांतरित होने की आशंका के चलते राज्य के विकास की गति बाधित होने का हवाला देते हुए विलय पर रोक लगाने की गुहार भी लगाई है। इन बैंकों के विलय की घोषणा 30 अगस्त को हुई थी।

सुश्री बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा है 'मैं यह जानकर बेहद चिंतित हूं कि सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंक, जिनके मुख्यालय कोलकाता में हैं, उनका विलय उन बैंकों में किया जा रहा है जिनके मुख्यालय दिल्ली और चेन्नई में हैं।

ऐसा राज्य सरकार या इन दो बैंकों के प्रबंधन के साथ किसी सलाह-मशवरे के बिना किया जा रहा है।' मुख्यमंत्री ने आगे कहा है कि बैंकों के विलय के एकतरफा निर्णय और मुख्यालयों के राज्य से स्थानांतरित होने की आशंका के चलते राज्य के विकास की गति बाधित होगी। बनर्जी ने अपने पत्र में इन दोनों बैंकों के हजारों कर्मचारियों के भविष्य को लेकर अपनी चिंता भी जताई है।

उन्होंने पत्र में मोदी को लिखा है कि मैं आपसे दृढ़ता के साथ आग्रह करती हूं कि पीएनबी के साथ यूबीआई का और इंडियन बैंक के साथ इलाहाबाद बैंक का विलय न किया जाए।

उल्लेखनीय है कि भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने 30 अगस्त को सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का चार बैंकों में विलय करने की घोषणा की थी। इसके साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुल संख्या 12 हो जाएगी, जबकि 2017 में यह संख्या 27 थी। 


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