ममता बनर्जी ने पहली बार अपने ट्विटर पर केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना का किया उल्लेख
ममता का यह कदम इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि राज्य सरकार बंगाल में जल जीवन मिशन का नाम बदल कर जलस्वप्न के रूप में चला रही हैं। इसके चलते केंद्र ने इस योजना का फंड तक रोक दिया था।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। विभिन्न मुद्दों पर केंद्र सरकार की लगातार आलोचना करने वाली बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी का पिछले कुछ समय से मोदी सरकार के प्रति साफ्ट रूख दिख रहा है। इसी क्रम में ममता ने अब ग्रामीण घरों में पाइप लाइन से पेयजल पहुंचाने के लिए केंद्र की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना का पहली बार अपने ट्विटर पर उल्लेख किया है। मुख्यमंत्री ने राज्य में इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिए बंगाल को पुरस्कार के लिए चुने जाने के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय का धन्यवाद किया है।
बंगाल में इस योजना का नाम बदलकर चलाती रही हैं ममता
ममता का यह कदम इस लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार बंगाल में जल जीवन मिशन का नाम बदल कर जलस्वप्न के रूप में चला रही हैं। इसके चलते केंद्र ने इस योजना का फंड तक रोक दिया था। हालांकि हाल में इस योजना के लिए फिर से केंद्र ने धन देना शुरू कर दिया है, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस योजना में केंद्र के नाम का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इधर, ममता ने ट्वीट किया- मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि जल जीवन मिशन के तहत मात्रा पैरामीटर में अनुकरणीय प्रदर्शन के लिए बंगाल का चयन किया गया है। हमारे प्रयासों को मान्यता देने के लिए मैं केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय का तहे दिल से धन्यवाद करती हूं। यह पुरस्कार सार्वजनिक सेवा को प्राथमिकता देने वाले अधिकारियों की दृढ़ता और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
ममता ने नाम बदलकर किया, जलस्वप्न
ममता बनर्जी ने आगे लिखा- अपने जन समर्थक दृष्टिकोण को कायम रखते हुए हम अत्यंत समर्पण के साथ राज्य की सेवा करना जारी रखेंगे। उल्लेखनीय है कि केंद्र ने 2019 में जल जीवन मिशन शुरू किया था। वहीं, ममता ने 2020 में इसका नाम बदलकर जलस्वप्न नाम से राज्य में इस योजना को शुरू किया था। इसी तरह बंगाल में पीएम आवास, पीएम सड़क सहित कई और योजनाओं का भी नाम बदलकर ममता यहां चला रही हैं। इसके चलते केंद्र ने इन योजनाओं की राशि भी रोक दी। हालांकि हाल में जल जीवन मिशन के लिए केंद्र ने फिर से धन देना शुरू किया है। बता दें कि इससे पहले ममता ने हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी तारीफ की थी और कहा था कि केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग के पीछे उनका हाथ नहीं है। उन्होंने इसके लिए राज्य व भाजपा के कुछ केंद्रीय नेताओं को जिम्मेदार ठहराया था।