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राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर ममता बनर्जी ले सकती हैं बड़ा निर्णय, अगला पंचायत व वित्त मंत्री कौन?

सुब्रत मुखर्जी पिछले एक दशक से इस विभाग का दायित्व बखूबी निभाते आए थे। उनका विकल्प फिलहाल पार्टी में भी खोजना मुश्किल है।पंचायत विभाग का भार पार्टी के किसी वरिष्ठ मंत्री को सौंपा जा सकता है। यह विभाग खुद ममता बनर्जी अपने पास रख सकती हैं।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 07 Nov 2021 09:18 AM (IST)Updated: Sun, 07 Nov 2021 09:18 AM (IST)
राज्य मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर ममता बनर्जी ले सकती हैं बड़ा निर्णय, अगला पंचायत व वित्त मंत्री कौन?
मंत्रिमंडल में फेरबदल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोई बड़ा निर्णय ले सकती हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। राज्य के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी के निधन और अमित मित्रा के चुनाव न लड़ने के बाद से राज्य मंत्रिमंडल में काफी कुछ बदलाव के आसार हैं, इसे लेकर चर्चा भी गरम है। राज्य सचिवालय नवान्न सूत्रों की माने तो नौ नवंबर को सचिवालय में होने वाली बैठक में मंत्रिमंडल में फेरबदल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोई बड़ा निर्णय ले सकती हैं। खासकर पंचायत मंत्री और वित्त मंत्री के नामों को लेकर चर्चा का बाजार गरम है।

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सूत्रों की माने तो पंचायत मंत्री कौन होगा इसकी सुगबुगाहट शुरू हो गई है। सुब्रत मुखर्जी पिछले एक दशक से इस विभाग का दायित्व बखूबी निभाते आए थे। उनका विकल्प फिलहाल पार्टी में भी खोजना मुश्किल है। कहा जा रहा है कि पंचायत विभाग का भार पार्टी के किसी वरिष्ठ मंत्री को सौंपा जा सकता है। चर्चा यह भी है कि कुछ दिनों तक संभवत: यह विभाग खुद ममता बनर्जी अपने पास रख सकती हैं।

इन नामों को लेकर चर्चा जोर

सूत्रों की माने तो मंगलवार को होने वाली बैठक में मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल की बात चल रही है। दो कैबिनेट मंत्री के विभाग बदले जा सकते है, वहीं राज्य के वित्त विभाग का दायित्व एक राज्य मंत्री को दिया जा सकता है।हाल में हुए उपचुनाव में दिनहाटा सीट पर उदयन गुहा ने रिकार्ड वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है इसलिए मंत्रिमंडल में इन्हें शामिल किया जा सकता है।

इधर, चंद्रिमा भट्टाचार्य, ज्योतिप्रिय मल्लिक, रथिन चक्रवर्ती के विभागों में बदलाव होने की चर्चा भी हो रही है। वहीं, अमित मित्रा राज्य के वित्त मंत्री रहे हैं, लेकिन इस बार वे चुनाव में नहीं खड़े हो पाए और चार नवबंर तक उन्हें चुनाव जीतना था। इस वजह से उनका विभाग किसी और को दिया जाएगा। अब सवाल है कि आखिर किसे यह विभाग मिलेगा क्योंकि अपने आप में यह विभाग का​फी महत्वपूर्ण और बड़ी समझ के दायरे वाला है। 


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