कन्याश्री दिवस कार्यक्रम में ममता बनर्जी का बड़ा एलान, सभी को मिलेगा योजना का लाभ
कन्याश्री का लाभ पाने के लिए अब पारिवारिक वार्षिक आय कोई पैमाना नहीं होगा इससे सभी लाभान्वित होंगे।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। कन्याश्री का लाभ पाने के लिए अब पारिवारिक वार्षिक आय कोई पैमाना नहीं होगा इससे सभी लाभान्वित होंगे। इसकी घोषणा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कन्याश्री परियोजना के पांच साल पूरे होने पर आयोजित कन्याश्री दिवस कार्यक्रम में की।
सुश्री बनर्जी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार विजेता कन्याश्री योजना के तहत परिवार की वार्षिक कमाई लाभार्थी बनने के लिए कोई सीमा नहीं होगी। बता दें कि इससे पहले सबुज साथी को भी वार्षिक आय सीमा से बाहर किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि कन्याश्री एक सशर्त नकदी हस्तांतरण योजना है जिसका उद्देश्य किशोर लड़कियों की स्कूली शिक्षा को प्रोत्साहित करना और 18 साल से कम उम्र के लड़कियों को इसका लाभ पहुंचाना है। इसका एक उद्देश्य बीच में पढ़ाई छोड़ने में रोक लगाना और बाल विवाह पर रोक लगाना भी है। पिछले साल संयुक्त राष्ट्र लोक सेवा पुरस्कार मिला। वर्तमान में, जिन परिवारों की वार्षिक आय 1.20 लाख रुपये से अधिक नहीं हैं उन्हें कन्याश्री का लाभ मिलता है।
महानगर के नेताजी इंडोर स्टेडियम में कन्याश्री दिवस कार्यक्रम में सुश्री बनर्जी ने कहा कि मैं घोषणा कर रही हूं कि कन्याश्री परियोजना के लिए अब आय सीमा कोई बाधा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना से लगभग 50 लाख लड़कियों को फायदा हुआ है और आय सीमा हटने से इससे सालाना तीन लाख और लड़कियों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे सरकारी कोष पर 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त खर्च आएगी। लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि मुझे पता है कि कन्याश्री पाने वाले राज्य के लिए सम्मान के साथ दो लाख करोड़ रुपये वापस लाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं कन्याश्री विश्र्वविद्यालय खोलना चाहती हूं। महिला विकास और सामाजिक कल्याण राज्य विभाग इसे आगे बढ़ाएगा। मैं लड़कियों को एक विश्र्वविद्यालय को उपहार देना चाहती हूं।
मालूम हो कि राज्य महिला विकास और सामाजिक कल्याण विभाग ने कन्याश्री परियोजना को तैयार किया है जिसे 1 अक्टूबर, 2013 को राज्य में लागू किया गया था। अब तक विभाग ने 6,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कन्याश्री के बाद लड़कियों के स्कूल छोड़ने की संख्या में 11.5 फीसद की कमी आई है।
सुश्री बनर्जी ने तकनीकी शिक्षा विभाग को छात्राओं के उ“वल भविष्य के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू करने का भी निर्देश दिया।