वाजपेयी की कल हो रही श्रद्धांजलि सभा में शामिल नहीं होंगी ममता
दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की याद में 29 अगस्त को महाजाति सदन में होने वाली श्रद्धांजलि सभा में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी ।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की याद में 29 अगस्त को महाजाति सदन में होने वाली श्रद्धांजलि सभा में राज्य की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी शामिल नहीं होंगी और ना ही पार्टी की ओर से कोई प्रतिनिधि शामिल होगा।
तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी को जो बयान मीडिया में आया है उससे अब स्पष्ट हो गया है कि सुश्री बनर्जी श्रद्धांजलि सभा में शामिल नहीं होंगी। चटर्जी ने कहा कि वाजपेयी जी के निधन की खबर सुनकर ममता बनर्जी ने सारा कार्यक्रम रद कर दिया और वे दिल्ली पहुंचीं। उन्होंने वाजपेयी जी के परिवार से मुलाकात कर उन्हें ढांढ़स बंधाया और यहां तक की पार्टी के प्रतिनिधि उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने यह भी कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के साथ ममता बनर्जी के रिश्ते बेहतर रहे।
यह बात दीगर है कि वाजपेयी को श्रद्धांजलि के मामले में सौजन्यता दिखाते हुए पश्चिम बंगाल सरकार ने महाजाति सदन हॉल का शुल्क नहीं लेने का निर्णय किया है। इस बावत भाजपा की ओर से महाजति सदन हॉल की बुकिंग का आवेदन किया गया था। अग्रिम राशि भी जमा करा दी गई थी। रविवार को महाजाति सदन प्रबंधन की ओर से प्रदेश भाजपा कार्यालय को सूचित किया गया कि मुख्यमंत्री ने वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा के लिए हॉल का शुल्क नहीं लेने का निर्णय किया है। पार्टी नि:शुल्क में हॉल का इस्तेमाल कर सकती है।
इस बीच सोमवार को भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंच कर प्रदेश भाजपा इकाई के नेताओं ने आमंत्रण सौंपा। इससे पहले भाजपा ने सीएमओ कार्यालय को भी आमंत्रण भेजा है। भाजपा ने माकपा और कांग्रेस को भी श्रद्धांजलि सभा में आमंत्रित किया है।
यह बात दीगर है कि माकपा और कांग्रेस भाजपा-तृणमूल में पर्दे के पीछे तालमेल होने का आरोप लगाते रहे हैं। विपक्षी नेता इस गठबंधन को दीदी भाई-मोदी भाई का गठबंधन कह कर संबोधित करते रहे हैं। जानकारों का कहना है कि ममता बनर्जी इस लिए भी सभा में शरीक नहीं होंगी क्योंकि राज्य में प्रतिद्वंद्विता भाजपा से है क्योंकि भाजपा नंबर दो बनकर उभरी है।
दूसरी बात यह है कि यद्यपि ममता बनर्जी के रिश्ते पूर्व पीएम से बेहतर रहे हैं लेकिन यदि वे इस सभा में शामिल होती हैं तो इसका असर अल्पसंख्यक वोट बैंक पर पड़ सकता है।