तृणमूल कांग्रेस संसदीय दल की बैठक के बाद आज सोनिया गांधी व अरविंद केजरीवाल से मिलेंगी ममता बनर्जी
शाम 430 बजे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से जबकि छह बजे केजरीवाल के साथ ममता करेंगी बैठक। मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद ममता की प्रधानमंत्री से यह पहली औपचारिक मुलाकात थी। ममता का दिल्ली में विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात का सिलसिला जारी है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत के बाद दिल्ली के पांच दिवसीय दौरे पर गईं मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी का बुधवार को भी धुआंधार कार्यक्रम है। ममता ने बुधवार को पार्टी की संसदीय दल की बैठक बुलाई है। तृणमूल की ओर से एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि ममता की अध्यक्षता में यह बैठक दोपहर एक बजे से राज्यसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक सुखेंदु शेखर राय के आवास पर होगी। इस बैठक में संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में तृणमूल के सभी सांसदों को मौजूद रहने को कहा गया है।
शाम 4:30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगी
बैठक के बाद दोपहर 2:30 बजे से ममता संवादाता सम्मेलन को भी संबोधित करेंगी। राय के आवास पर ही पत्रकारों के लिए हाई टी का आयोजन किया गया है, जहां ममता पत्रकारों से मुलाकात के साथ बातचीत करेंगी। इसके बाद ममता शाम 4:30 बजे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगी।
सोनिया के 10 जनपथ स्थित आवास पर होगी दोनों की मुलाकात
यह मुलाकात सोनिया के 10 जनपथ स्थित आवास पर होगा। इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ शाम छह बजे से ममता की बैठक हैं। बता दें कि इससे पहले मंगलवार शाम में ममता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की।
मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद यह पहली औपचारिक मुलाकात
बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने व पांच मई को मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद ममता की प्रधानमंत्री से यह पहली औपचारिक मुलाकात थी। प्रधानमंत्री से मुलाकात से पहले ममता ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ एवं आनंद शर्मा से मुलाकात की।
सोमवार शाम को ममता बनर्जी पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचीं हैं
गौरतलब है कि सोमवार शाम को ममता पांच दिवसीय दौरे पर दिल्ली पहुंचीं। इसके बाद से ही ममता का दिल्ली में विपक्षी नेताओं के साथ मुलाकात का सिलसिला जारी है। ममता के इस दौरे को साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भाजपा को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंकने और विरोधी दलों को एकजुट करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।