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पर्वतों को पर्यटनस्थल के तौर पर विकसित कर रही सरकार : ममता

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के मौके पर कहा है कि उनकी सरकार राज्य में मौजूद पर्वतीय क्षेत्रों को पर्यटनस्थल के तौर पर विकसित कर रही है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 11 Dec 2018 12:52 PM (IST)Updated: Tue, 11 Dec 2018 12:52 PM (IST)
पर्वतों को पर्यटनस्थल के तौर पर विकसित कर रही सरकार : ममता
पर्वतों को पर्यटनस्थल के तौर पर विकसित कर रही सरकार : ममता

कोलकाता, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के मौके पर कहा है कि उनकी सरकार राज्य में मौजूद पर्वतीय क्षेत्रों को पर्यटनस्थल के तौर पर विकसित कर रही है।

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मुख्यमंत्री ने  कहा, "आज अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस है। इस मौके पर मैं यह बताना चाहती हूं कि पर्वतीय क्षेत्र बड़े पैमाने पर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की पहल की है। लोगों को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि इन क्षेत्रों पर पहुंचने के बाद इन्हें साफ-सुथरा रखा जाए।"

हर साल 11 दिसम्बर को अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस मनाया जाता है। सबसे पहले वर्ष 2003 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 11 दिसम्बर को अंतरराष्ट्रीय पर्वत दिवस के रूप में मनाया था। इसका मुख्य उद्देश्य पहाड़ों में बढ़ रही बेरोजगारी और पलायन को रोकना है। यह इस वक्त पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय प्रकृति के इस अनूठे उपहार को बचाने के लिए इस दिन विशेष तौर पर प्रयास करती है। उत्तर भारत का एक बड़ा हिस्सा पहाड़ों से घिरा हुआ है।

जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में मैदानी जमीन से ज्यादा पहाड़ मौजूद हैं। बेरोजगारी के कारण आज बड़ी संख्या में इन पर्वतीय क्षेत्रों से लोग मैदानों की तरफ पलायन कर रहे हैं। पहाड़ों में बढ़ रहे व्यावसायिक उद्योग भी विनाश का कारण बन रहे हैं।

केदारनाथ त्रासदी के बाद आई रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि पहाड़ों में जगह-जगह बेतरतीब ढंग से बन रहे होटल और लॉज पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मुनाफे के लिए खोले गए इन होटलों से प्रकृति को नुकसान हो रहा है। ये ग्लोबल वार्मिंग (वैश्विक तापमान वृद्धि) के लिए भी जिम्मेदार हैं। ओजोन की परत का क्षरण हो रहा है। इन सभी पहलुओं को देखते हुए पश्चिम बंगाल सरकार पर्वतीय क्षेत्रों को पर्यटन के तौर पर विकसित कर रही है।  


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