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दार्जिलिंग में बंद से 550 करोड़ का नुकसान: ममता

ममता दार्जिलिंग के आंदोलनकारियों से ¨हसा और प्रदर्शन का रास्ता छोड़ कर बातचीत के रास्ते पर आने की अपील की है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 09 Aug 2017 02:20 PM (IST)Updated: Wed, 09 Aug 2017 02:20 PM (IST)
दार्जिलिंग में बंद से 550 करोड़ का नुकसान: ममता
दार्जिलिंग में बंद से 550 करोड़ का नुकसान: ममता

 कोलकाता, [राज्य ब्यूरो] । अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर जारी आंदोलन से बंगाल को अब तक 550 करोड़ का नुकसान हो चुका है। यह बातें मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में कही। उन्होंने दार्जिलिंग के आंदोलनकारियों से ¨हसा और प्रदर्शन का रास्ता छोड़ कर बातचीत के रास्ते पर आने की अपील की है।

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उन्होंने कहा कि सरकार बातचीत करने को तैयार है, लेकिन इसके लिए लगातार बंद व ¨हसा का रास्ता छोड़ना होगा। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को विधानसभा में पहाड़ की वर्तमान परिस्थिति ने अपने बयान कहा कि दार्जिलिंग में लगातार बंद व प्रदर्शन से जनजीवन प्रभावित है। लगातार बंद और ¨हसक घटनाओं में अब तक 550 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। इसके बावजूद राज्य प्रशासन ने संयम दिखाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दार्जिलिंग बंगाल का अभिन्न हिस्सा हैं और वह इसका विभाजन नहीं होने देंगी। उन्होंने कहा कि 10-15 साल के अंतराल में पहाड़ में इस तरह के आंदोलन आम हो गए हैं। गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के लिए चुनाव का समय आ गया है। इसके पांच साल का कार्यकाल खत्म हो गया है।

मुख्यमंत्री ने जब पहाड़ पर बयान दिया तब माकपा विधायक और सिलीगुड़ी के मेयर अशोक भट्टाचार्य ने ऐसी स्थिति पैदा होने पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने भाषा के मुद्दे को तूल दिया और नए सिरे से गोरखालैंड की मांग पर वहां आंदोलन शुरू हो गया। 1986-87 में भी पहाड़ में आंदोलन शुरू हुआ था लेकिन ऐसी स्थिति नहीं पैदा हुई थी। जीटीए में गोरखालैंड की मांग जीवित रख कर ही करार पर हस्ताक्षर हुआ। इस पर मुख्यमंत्री ने भट्टाचार्य पर उकसाने और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए मामले को तूल देने का आरोप लगा। वाममोर्चा विधायकों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई और शोरगुल मचाते हुए सदन से वाकआउट किया। 

इसके पहले कांग्रेस के विधायक शंकर मालाकार ने कहा कि यह एक दूसरे पर दोषारोपण का मामला नहीं है। पहाड़ में आदोलन नियंत्रण से बाहर न हो इसे देखना चाहिए सबको समाधान के बारे में सोचना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने माकपा के आरोप पर सफाई पेश करते हुए कहा कि उन्होंने भाषा के लिए किसी तरह की अधिसूचना नहीं जारी की है। सकारात्मक सुझाव देने के लिए मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायक मालाकार की सराहना की और माकपा पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। विधानसभा अध्यक्ष विमान बंद्योपाध्याय ने मुख्यमंत्री के बयान देते वक्त वाकआउट करने के लिए वाममोर्चा सदस्यों की आलोचना की।


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