चाय बागानों के विकास के लिए बंगाल सरकार ने खर्च किए एक हजार करोड़: ममता
अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि राज्य में चाय श्रमिकों के विकास के लिए सरकार ने 1000 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि राज्य में चाय श्रमिकों के विकास के लिए सरकार ने 1000 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की है। शनिवार सुबह इस बारे में मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी किया।
बयान में उन्होंने कहा है कि आज अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस है। इस मौके पर मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने चाय बागान और श्रमिकों के विकास के लिए 1000 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की है। चाय श्रमिकों को दो रुपये प्रति किलो के हिसाब से 35 किलो चावल दिया जाता है। यहां तक कि उन्हें बिजली और पानी की आपूर्ति मुफ्त है।
यहां के मजदूरों का जनजीवन और अधिक विकसित करने के लिए राज्य सरकार चाय बागान पर्यटन विकसित कर रही है, ताकि बड़ी संख्या में देश-दुनिया से पर्यटक इन क्षेत्रों में पहुंचे, जिससे यहां रहने वाले लोगों की आय बढ़े।
उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस 15 दिसम्बर को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 2005 में हुई थी। चाय उत्पादक देशों जैसे बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, वियतनाम, इंडोनेशिया, केन्या, मलावी, मलेशिया, युगांडा, भारत और तंजानिया में इसके उत्पादन को बढ़ावा देने और इससे जुड़े श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार के तमाम उपाय करने के लक्ष्य के साथ इसकी शुरुआत की गई थी।
भारत में पहली बार 15 दिसम्बर 2005 को ही अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस मनाया गया था। बाद में 2006 में श्रीलंका में और धीरे-धीरे अन्य चाय उत्पादक देशों में इसे स्वीकार कर लिया गया। साल 2015 में भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव दिया था कि अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस को पूरी दुनिया में मनाया जाए जिसे सर्वसम्मति से समर्थन भी मिला है।