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दिल्ली रवाना होने से पहले बोलीं ममता- प्रधानमंत्री से मुलाकात करुंगी, त्रिपुरा हिंसा और बीएसएफ अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाऊंगी

बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के साथ-साथ त्रिपुरा में व्यापक हिंसा से संबंधित मुद्दों को उठाएंगी।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 22 Nov 2021 05:52 PM (IST)Updated: Mon, 22 Nov 2021 11:00 PM (IST)
दिल्ली रवाना होने से पहले बोलीं ममता- प्रधानमंत्री से मुलाकात करुंगी, त्रिपुरा हिंसा और बीएसएफ अधिकार क्षेत्र का मुद्दा उठाऊंगी
त्रिपुरा मुद्दे को लेकर केंद्र पर गरजीं ममता, कहा- संविधान की परवाह नहीं करती है मोदी सरकार

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि वह दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगी और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के साथ त्रिपुरा में व्यापक हिंसा व पार्टी कार्यकर्ताओं पर हो रहे अत्याचार से संबंधित मुद्दों को उठाएंगी। उन्होंने चार दिवसीय दौरे पर दिल्ली रवाना होने से पहले यहां संवाददाताओं से कहा, अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान मैं प्रधानमंत्री से मिलूंगी। राज्य से संबंधित विभिन्न मामलों के अलावा, मैं बीएसएफ और त्रिपुरा हिंसा से संबंधित मुद्दों को उठाऊंगी।

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ममता 24 नवंबर को पीएम से मुलाकात कर सकती हैं। तृणमूल सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी की चार दिनों की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री के कई विपक्षी नेताओं से मिलने और 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में भाजपा का मुकाबला करने के लिए अपनाए जा सकने वाले तरीकों पर चर्चा करने की संभावना है। बंगाल में मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद ममता की दिल्ली की यह दूसरी यात्रा है। इससे पहले उन्होंने जुलाई में दौरा किया था।

वहीं, ममता ने त्रिपुरा में पार्टी की युवा नेता सायनी घोष की गिरफ्तारी व कार्यकर्ताओं पर हमले की कथित घटना को लेकर भाजपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने बिप्लब देब नीत भाजपा सरकार के तहत त्रिपुरा की स्थिति को भयानक बताते हुए आश्चर्य व्यक्त किया कि मानवाधिकार आयोग पूर्वोत्तर के इस राज्य में क्रूर ताकत का किए जा रहे इस्तेमाल का संज्ञान क्यों नहीं ले रहा है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में कोई लोकतंत्र नहीं है। ममता ने यह भी आरोप लगाया कि त्रिपुरा के मुख्यमंत्री और उनकी सरकार संविधान की परवाह नहीं करती है और सुप्रीम कोर्ट तक के निर्देश की अवहेलना कर रही है। उन्हें आम लोगों को जवाब देना होगा। मैं शीर्ष अदालत से उनकी सरकार के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई करने की अपील करूंगी।

'आम आदमी का भाजपा से उठ चुका है भरोसा'

ममता ने दावा किया कि भाजपा डरी हुई है क्योंकि वह समझ गई है कि आम आदमी का उस पर से भरोसा उठ गया है। उन्होंने कहा कि वह (भाजपा) केवल लोगों को धोखा देना जानती है। उनकी हार होनी तय है। बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार के मुद्दे पर ममता ने कहा कि भाजपा अपने फायदे के लिए अर्द्धसैनिक बल का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, वे (बीएसएफ) दुश्मन नहीं हैं। वे भी मेरे दोस्त हैं। किसी इलाके में कानून व्यवस्था राज्य सूची का विषय है। भाजपा बीएसएफ जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल अपनी पार्टी की गतिविधियों के लिए कर रही है। मैं इलाकों पर जबरन किसी को नियंत्रण नहीं करने दूंगी। ममता ने कहा कि वो (केंद्र) सिर्फ सहकारी संघवाद के नाम पर सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं और संघीय ढांचे को नष्ट कर देना चाहते हैं। ममता ने साथ ही कहा कि त्रिपुरा का मुद्दा दिल्ली, मुंबई... हर जगह उठाया जाएगा।


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