ममता सरकार पर थियेटर ओलंपिक्स की उपेक्षा का आरोप
बंगाल के जाने-माने रंगमंच कलाकार रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता ने ममता सरकार पर 8वें थियेटर ओलंपिक्स की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए इसे शर्मनाक करार दिया है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। बंगाल के जाने-माने रंगमंच कलाकार रुद्रप्रसाद सेनगुप्ता ने ममता सरकार पर 8वें थियेटर ओलंपिक्स की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए इसे शर्मनाक करार दिया है। मंगलवार को जीडी बिरला सभागार में थियेटर ओलंपिक्स के कोलकाता चैप्टर के उद्घाटन समारोह में राज्य सरकार की तरफ से कोई शरीक नहीं हुआ जबकि सूचना राज्य मंत्री इंद्रनील सेन एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ब्रात्य बसु के उपस्थित होने की बात थी।
राज्य सरकार के प्रतिनिधियों की अनुपस्थिति पर रुद्रप्रसाद ने कड़े शब्दों में कहा कि यह बंगाली समुदाय का अपमान है और बेहद शर्म की बात है। उन्होंने आगे कहा कि थियेटर ओलंपिक्स का आयोजनकारी संस्था नेशनल स्कूल आफ ड्रामा (एनएसडी) की ओर से कोलकाता में नाटकों के मंचन के लिए जगह की मांग की गई थी लेकिन इसका कोई जवाब नहीं दिया गया।
संवादहीनता के कारण मधुसूदन मंच नहीं मिल पाया। बाध्य होकर जीडी बिरला सभागार का नाटकों का मंचन करना पड़ रहा है, जहां आम तौर पर इसका आयोजन नहीं होता है। परिवहन के लिहाज से भी यह जगह सुविधाजनक नहीं है। रुद्रप्रसाद ने समारोह में उपस्थित बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस की सांसद अर्पिता घोष के सामने ही ये नाराजगी जाहिर की। उन्होंने सांसद को राज्य सरकार का प्रतिनिधि मानने से भी इन्कार किया। रुद्रप्रसाद ने राज्य सरकार की उपेक्षा के लिए सार्वजनिक तौर पर समारोह में उपस्थित एनएसडी के निदेशक प्रो वमन केंद्रे से माफी भी मांगी।
गौर करने वाली बात यह है कि थियेटर ओलंपिक्स में बंगाली नाटकों को ही सबसे ज्यादा महत्व दिया गया है। इसमें दिखाए जाने वाले 450 में से 40-45 नाटक बंगाल के हैं। इसके अलावा बांग्लादेश के भी सात नाटकों को शामिल किया गया है।
इससे पहले रुद्रप्रसाद ने वमन केंद्रे और अर्पिता घोष के साथ थिएटर ओलंपिक्स के कोलकाता चैप्टर का उद्घाटन किया। इसका शुभारंभ संजय उपाध्याय द्वारा निर्देशित भोजपुरी नाटक 'बिदेशिया' के मंचन से हुआ।