एम्फन से बंगाल में 10 लाख घरों को नुकसान, ममता ने प्रत्येक को 20- 20 हजार रुपये देने की घोषणा की
प्राथमिक रिपोर्ट में 10 लाख घरों के नुकसान की खबर मिली है। इसकी संख्या और भी बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य सरकार 20- 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि एम्फन चक्रवात से 10 लाख से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने क्षतिग्रस्त हुए घरों की मरम्मत के लिए 10 लाख परिवारों को फिलहाल 20- 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा की। एम्फन से हुए नुकसान को लेकर मुख्यमंत्री ने राज्य सचिवालय नवान्न में सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों एवं सभी जिलों के डीएम व एसपी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक रिपोर्ट में केवल दक्षिण 24 परगना जिले में ही 10 लाख घरों के नुकसान की खबर मिली है। इसकी संख्या काफी बढ़ने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य सरकार 20- 20 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी। बाद में उन्हें ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत लाया जायेगा।मुख्यमंत्री ने एक टास्क फोर्स गठित करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि एम्फन से राज्य के करीब 60 फीसदी लोग यानि छह करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं। यह राष्ट्रीय आपदा से भी बड़ा है। चक्रवात के आने से पहले 8.13 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अभी भी दो लाख लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।
एम्फन से बिजली के साढ़े चार लाख खंभे गिरे, 10.5 लाख हेक्टेयर कृषि जमीन बर्बाद हुई
मुख्यमंत्री ने कहा कि चक्रवात से भारी नुकसान पहुंचा है। बिजली के 4.50 लाख खंभे गिर गये। कृषि की 10.5 लाख हेक्टेयर जमीन बर्बाद हुई। पान के एक लाख बैरेज नष्ट हुए। सुंदरवन में 700 किलोमीटर सड़क, अन्य 317 किलोमीटर सड़क एवं 4710 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों को नुकसान पहुंचा है। 300 छोटे ब्रिज ढह गये। 21 जेट्टी को नुकसान पहुंचा है। 1.10 लाख स्कूलों के भवन क्षतिग्रस्त हुए। करीब 2,000 स्वास्थ्य केंद्रों को नुकसान पहुंचा। तीन जिला अस्पताल भी क्षतिग्रस्त हुए। मत्स्य पालन के 58 हजार तालाबों को नुकसान पहुंचा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पान के जो एक लाख बैरेज नष्ट हुए हैं, उन सभी को पांच-पांच हजार रुपये की सहायता राशि दी जायेगी। इसके साथ ही उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड से वंचित करीब 11 लाख किसानों को 48 घंटे के अंदर कार्ड उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया, ताकि उन्हें फसल बीमा आदि का लाभ मिल सके। ममता ने कहा कि टूटे हुए तटबंधोें की मरम्मत का कार्य भी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसके पुनर्निमाण में स्वनिर्भर समूहों का इस्तेमाल किया जायेगा। इसके अलावा टूटे हुए बिजली के खंबों को भी फिर लगाना होगा। इसके लिए स्थानीय लोगों की मदद बिजली संस्थान ले सकते हैं। अल्पसंख्यक बहुल इलाकों में अल्पसंख्यक विभाग, एमएसडीपी फंड की राशि का उपयोग राहत व पुनर्गठन कार्य में करेगा। ट्यूबवेल को फिर से लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने 100 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की है। उत्तर 24 परगना में हुई तबाही का जायजा लेने के लिए गृह सचिव आलापन बंद्योपाध्याय खुद जायेंगे।
सीईएससी के 32.70 लाख ग्राहकों को बिजली सेवा बहाल
मुख्यमंत्री ने बताया कि सीईएससी ने उन्हें बताया है कि उसके 33 लाख ग्राहकों में से 32.70 लाख ग्राहकों की बिजली परिसेवा बुधवार रात तक बहाल कर दी गई है। बाकी के 30 हजार लोगों की बिजली परिसेवा भी जल्द बहाल करने का उन्होंने निर्देश दिया। वेस्ट बंगाल स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी लिमिटेड (डब्ल्यूबीएसईडीसीएल) के जिन इलाकों में अभी भी बिजली परिसेवा सुचारू नहीं हुई है, वहां भी जल्द स्थिति दुरुस्त करने का उन्होंने निर्देश दिया।
टास्क फोर्स भी गठित
एम्फन से हुई तबाही व आगे के पुनरुद्धार कायों के लिए मुख्यमंत्री ने स्टेट लेवल टास्क फोर्स का गठित करने की भी घोषणा की। इसका नेतृत्व मुख्य सचिव करेंगे। इसमें वित्त, सिंचाई, कृषि शिक्षा सहित अन्य विभागों के सचिव शामिल रहेंगे। यह टास्क फोर्स रोजाना शाम छह बजे डीएम के नेतृत्व में बने जिलों के टास्क फोर्स के साथ बैठक करके हो रहे कार्य की समीक्षा करेगा।
एम्फन से हुए नुकसान का निर्धारण कृषि, कृषि विपणन, सिंचाई, खाद्य प्रसंस्करण आदि विभागों के सचिव अगले तीन दिनों के भीतर करके रिपोर्ट तैयार करेंगे।