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राष्ट्र विरोधी की तरह बर्ताव कर रही हैं ममता: भाजपा

कैचवर्ड निशाना -नीति आयोग की बैठक में ममता के नहीं जाने के निर्णय को राष्ट्रीय हिता

By JagranEdited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 11:21 PM (IST)Updated: Fri, 07 Jun 2019 11:21 PM (IST)
राष्ट्र विरोधी की तरह बर्ताव कर रही हैं ममता: भाजपा
राष्ट्र विरोधी की तरह बर्ताव कर रही हैं ममता: भाजपा

कैचवर्ड :: निशाना

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-नीति आयोग की बैठक में ममता के नहीं जाने के निर्णय को राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया

- कहा, बंगाल के विकास को तबाह करना चाहती है ममता

जागरण संवाददाता, कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 15 जून को नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं होने के निर्णय की कड़ी निंदा करते हुए शुक्रवार को प्रदेश भाजपा ने उनपर बड़ा हमला बोला। प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने कहा कि ममता राष्ट्र विरोधी की तरह व्यवहार कर रही हैं और यह बंगाल के विकास को तबाह करने की कोशिश है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ममता का कदम राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है। मजूमदार ने कहा, 'जब पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आगे बढ़ रहा है, ऐसे में ममता एकमात्र ऐसी मुख्यमंत्री हैं जो इसका विरोध कर रही है। यहां तक कि कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी नीति आयोग की बैठक में भाग ले रहे हैं।' भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि ममता का नीति आयोग की बैठक में नहीं जाने का फैसला राष्ट्रीय हितों के खिलाफ है। वह लगातार राष्ट्र विरोधी की तरह व्यवहार कर रही हैं और बंगाल के विकास को बाधित कर रही हैं। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर 15 जून को होने वाली नीति आयोग की बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई। उन्होंने पत्र में कहा कि नीति आयोग के पास कोई वित्तीय अधिकार और राज्य की योजनाओं को समर्थन देने का अधिकार नहीं है, ऐसे में उनका इस बैठक में जाना निरर्थक है।

वहीं, शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए भी ममता ने कहा कि नीति आयोग की बैठक में जाने से कोई लाभ नहीं होगा। उसके पास कोई अधिकार नहीं है। इसलिए बैठक में जाना बेकार है। ममता के निर्णय से राज्य का विकास होगा प्रभावित : दिलीप घोष

इधर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी ममता के नीति आयोग की बैठक में नहीं जाने के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि उनका निर्णय दर्शाता है कि वह अभी भी हार स्वीकार नहीं की है और हर चीज का राजनीतिकरण करना चाहती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के इस फैसले से राज्य का विकास प्रभावित होगा। घोष ने यहां तक कहा कि मुझे ममता के कदम से शर्म आती है। उन्होंने कहा, सिर्फ ममता को नीति आयोग से परेशानी है और किसी मुख्यमंत्री को नहीं है। उन्होंने बैठक में नहीं जाने के पीछे जो तर्क दिया है वह खोखला बहाना है।

इधर, प्रदेश भाजपा के आरोपों पर राज्य के खाद्य आपूर्ति मंत्री व तृणमूल नेता ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि बैठक में शामिल होना या नहीं होना मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। भाजपा हमें किसी भी बैठक में शामिल होने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है। इसके साथ उन्होंने कहा कि तृणमूल और ममता बनर्जी को भाजपा जैसे सांप्रदायिक पार्टी से विकास या राष्ट्रवाद के बारे में कुछ सीखने की जरूरत नहीं है।

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