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बंगाल संभलता नहीं, देश चलाने का सपना देख रही हैं ममता बनर्जी, भाजपा नेत्री रूपा गांगुली ने बोला करारा हमला

बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने कहा कि ममता ये सोचती है कि यहां की हिंसा के बारे में पूरे देश के लोगों को पता नहीं हैं। चुनाव के बाद लगभग 35000 महिलाओं को प्रताड़ित किया गया है। इनके कार्यकाल के दौरन जो कुछ भी हुआ है वह क्या सही है?

By Avinash RaiEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 10:26 AM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 05:10 PM (IST)
बंगाल संभलता नहीं, देश चलाने का सपना देख रही हैं ममता बनर्जी, भाजपा नेत्री रूपा गांगुली ने बोला करारा हमला
बीजेपी नेता रूपा गांगुली ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भाजपा नेता व राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली ने बड़ा हमला बोला है। ममता पर तंज कसते हुए रूपा ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की मुखिया से राज्य संभलता ही नहीं है और वह देश चलाने का सपना देख रही हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी राज्य में एक भी मामले को ठीक करने में सक्षम नहीं हैं। रूपा का यह बयान एक दिन पहले ममता द्वारा तृणमूल के शहीद दिवस कार्यक्रम के मंच से 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा के खिलाफ सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने के आह्वान के बाद आया है।

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एक समाचार एजेंसी से बातचीत में रूपा ने कहा कि राज्य में चुनाव बाद हिंसा के दौरान करीब 35,000 महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। उन्होंने कहा, 'आपको (ममता) लगता है कि भारत के सभी लोगों को नहीं पता कि बंगाल में किस तरह की हिंसा हुई। ममता बनर्जी पिछले दस सालों से सत्ता में हैं और उनका कार्यकाल अब भी जारी है। ममता बनर्जी के कार्यकाल 2015-16 के बाद से यहां जो कुछ भी हुआ है, क्या यह सही है? हाल के विधानसभा चुनावों के बाद लगभग 35,000 महिलाओं को प्रताड़ित किया गया है।'

खेला दिवस के लिए 16 अगस्त की तारीख चुनने पर जताई चिंता

उन्होंने आगे ममता के खेला होबे दिवस के रूप में 16 अगस्त की तारीख चुनने को लेकर भी चिंता जताई और कहा कि यह स्वतंत्रता से पहले कलकत्ता की हत्याओं की तारीख के साथ मेल खाता है। उन्होंने कहा, 'देखिए, सबसे पहले तो ममता बनर्जी बहुत झूठ बोलती हैं। बंगाल में उन्होंने जो हालात पैदा किए हैं, वह पूरे भारत में कभी नहीं हुए। उन्होंने 16 अगस्त को खेला दिवस के रूप में मनाने के लिए क्यों चुना? यह भी चिंता का विषय है क्योंकि उस दिन से जुड़ा एक काला इतिहास है। कई लोग मारे गए थे। उन्होंने आगे कहा कि मैं आम जनता से कहना चाहूंगी कि उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया जाना चाहिए।


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