Coronavirus: बंगाल में लॉकडाउन सबसे ज्यादा सफलः ममता बनर्जी
Coronavirus. मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने दावा किया कि बंगाल में अब तक लॉकडाउन सबसे सफल रहा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Coronavirus. बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने शुक्रवार को दावा किया कि बंगाल में अब तक लॉकडाउन सबसे सफल रहा है। उन्होंने कहा कि शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक में सभी लोग लॉकडॉउन का पालन कर रहे हैं। साथ ही, सभी काम सुचारू रूप से चल रहा है और लोगों को दिक्कत नहीं हो राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है।
कोरोना को लेकर राज्य सचिवालय नवान्न में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ममता ने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ लोग संकट की इस घड़ी में भी राजनीति करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह समय राजनीति का नहीं है। हम कोरोना के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने लोगों को आश्वस्त किया कि कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा- इससे भी बड़ी- बड़ी लड़ाई व संकट देश में आए हैं। कोरोना भी एक लड़ाई है। हमें इसे जीतना होगा और कोरोना को हराना होगा। ममता ने कहा कि कोरोना को हराने के लिए सरकार के साथ आम लोगों को भी अपना दायित्व निभाना होगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि यह समय केंद्र और राज्य के बीच राजनीति क युद्ध का नहीं है।
बंगाल में अब तक कोरोना के 38 पॉजिटिव मामले
ममता ने कहा कि बंगाल में अब तक कोरोना के 38 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। गुरुवार तक 34 था जबकि शुक्रवार को चार नए मामले सामने आए। उन्होंने कहा कि कोलकाता के बेलेघाटा आईडी अस्पताल में भर्ती इनमें से नौ लोगों को आज छुट्टी दी जा रही है। ये सभी इलाज के बाद ठीक हो गए हैं। इससे पहले भी कोरोना पॉजिटिव तीन मरीजों को इलाज के बाद छुट्टी दी गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में आईडी अस्पताल में जितने भी कोरोना से संक्रमित मरीज भर्ती हैं, उनकी स्थिति में काफी सुधार है। यह बहुत ही राहत की बात है कि इनमें से सभी मरीज की स्थिति ठीक है। ममता ने जोर देकर कहा कि कोरोना लाइलाज बीमारी नहीं है। ठीक से इलाज के बाद लोग स्वस्थ हो रहे हैं।
बंगाल में 52,000 लोग होम क्वारंटाइन में
ममता ने कहा कि बंगाल में इस समय 52,029 लोग होम क्वारंटाइन में हैं। स्वास्थ्य विभाग नियमित रूप से इन सभी की मॉनिटरिंग कर रहा है। उन्होंने कहा कि विदेश से आने वाले या उनके संपर्क में आने वाले कुल 54,965 लोग होम क्वॉरेंटाइन में थे। इनमें से करीब 3,000 लोग ठीक होकर बीमारी से बाहर आ गए हैं। ममता ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक 206 क्वॉरेंटाइन सेंटर बनाए हैं। सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में अब तक 5,110 लोग थे। इनमें से 3,218 लोगों को छुट्टी दे दी गई है। सरकारी क्वॉरेंटाइन सेंटर में अभी 1,892 लोग हैं।
बंगाल सरकार ने 35 लाख लोगों को दो महीने की सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी
ममता ने कहा कि कोरोना संकट के बीच राज्य सरकार ने 35.10 लाख लोगों को 2 महीने तक का सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान कर दिया है। शुक्रवार को इन सभी लोगों के खाते में पेंशन की राशि ट्रांसफर कर दी गई। इनमें एससी-एसटी समुदाय के 27 हजार वे वरिष्ठ नागरिक भी शामिल हैं जिनके लिए हाल में 1000 प्रति महीने पेंशन देने की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी समुदाय के लिए शुरू जय जोहार व जय बांग्ला योजना के तहत अब तक 27 हजार आवेदन ही मिले थे, उन सभी के खाते में पेंशन की राशि दे दी गई है। बाकी आवेदन मिलने पर भी बाद में उन्हें पेंशन की राशि दे दी जाएगी।
सभी सरकारी कर्मचारियों को भी एक तारीख को ही दे दिया गया वेतन
ममता ने कहा कि भारी आर्थिक तंगी व कोरोना संकट के बावजूद राज्य के सभी सरकारी कर्मचारियों को भी समय पर एक अप्रैल को ही वेतन दे दिया गया। उन्होंने कहा कि लाकडाउन के चलते हजारों -हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। राज्य पर पहले से भारी कर्ज का बोझ है। साथ ही, इस समय कोई आय नहीं हो रहा है इसके बावजूद हमने सरकारी कर्मचारियों को समय पर वेतन दे दिया। ममता ने दावा किया कि देश के अन्य किसी राज्य ने ऐसा नहीं किया है। बंगाल रोल मॉडल है। उन्होंने कहा कि अनेक राज्यों का कोष खाली हो गया है। कई राज्य अपने कर्मचारियों को 50 फीसद तो कोई 40 फीसद सैलरी दे रही है, लेकिन तंगी के बावजूद हमने वेतन में कटौती नहीं की। यदि हम कर्मचारियों को वेतन नहीं देंगे तो वे लोग खाएंगे क्या। ममता ने कहा कि हमने प्राइवेट सेक्टर को भी अपने कर्मचारियों को पूरा वेतन देने के लिए कहा है।
मुफ्त राशन वितरण का भी काम शुरू, दो-तीन दिनों में सामान्य हो जाएगी व्यवस्था
ममता ने कहा कि कोरोना संकट को देखते हुए अगले 6 महीना तक बीपीएल परिवारों को मुफ्त में राशन देने का काम भी एक अप्रैल से शुरू हो गया है। उन्होंने कहा कि कई जगहों से पूरा राशन नहीं मिलने की शिकायतें आ रही है। अभी आधा राशन ही दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडॉउन के चलते यह समस्या आ रही है। अगले दो-तीन दिनों में सब सामान्य हो जाएगा। उन्होंने राशन के लिए लोगों को भीड़ नहीं लगाने की भी अपील की। ममता ने राशन वितरण में विपक्ष द्वारा की जा रही राजनीति को लेकर भी निशाना साधा। उन्होंने भाजपा की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह लोगों को कह रही है सब कुछ केंद्र सरकार दे रही है। ममता ने कहा कि केंद्र से अब तक एक मास्क भी नहीं मिला है। हालांकि साथ ही उन्होंने कहा कि मैं इस समय कोई राजनीति नहीं करना चाहती हूं। पीडीएस सिस्टम राज्य सरकार की है। यह राशन राज्य सरकार दे रही है।
कानून व्यवस्था संभालते हुए प्रतिदिन 1300 बोतल रक्तदान कर रहे हैं बंगाल के पुलिसकर्मी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि कानून व्यवस्था संभालते हुए बंगाल के पुलिसकर्मी प्रतिदिन 1300 रक्तदान कर रहे हैं जो एक महान कार्य है। दरअसल यही रियल हीरो हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को राज्य सचिवालय में पत्रकारों को संबोधित कर रही थी। मुख्यमंत्री ने कहा, थैलेसीमिया मरीजों को प्रतिदिन 1100 बोतल रक्त की जरूरत है जबकि बंगाल के पुलिसकर्मी रोजाना 1300 बोतल रक्तदान कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए पुलिसवाले दिन- रात काम में जुटे हुए हैं। लॉकडाउन की इस घड़ी में राज्यभर के ब्लड बैंकों में होनेवाली रक्त की भारी कमी को दूर करने के लिए भी कोलकाता पुलिस सामने आई है। गत दिनों महानगर के नेताजी इंडोर स्टेडियम में कोलकाता पुलिस की तरफ से एक माह तक चलने वाले रक्तदान शिविर का किया गया। यह रक्तदान शिविर 30 अप्रैल तक चलेगा। इस मौके पर कोलकाता पुलिस ने आगामी 1 महीने तक रोजाना रक्तदान का संकल्प लिया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि शिविर में सभी रैंक के अधिकारियों से लेकर जवान तक रक्तदान करेंगे। कोलकाता पुलिस की हर यूनिट से प्रतिदिन यहां कम से कम 60 जवान व अधिकारी रक्तदान करेंगे। ममता ने कहा कि वे लोग बहुत ही महान काम कर रहे हैं। वर्तमान परिस्थिति में रक्त की कमी मिटाने के लिए कोलकाता पुलिस द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने पुलिसवालों को आपस में सोशल डिस्टेंशिंग मेंटेन करने का भी निर्देश दिया। इंडोर स्टेडियम में प्रतिदिन शाम 5 बजे तक यह रक्तदान शिविर चलेगा। इस शिविर से संग्रहित ब्लड को तुरंत ब्लड बैंक में भेज दिया जायेगा, जिससे महानगर समेत राज्यभर में मरीजों में खून की कमी को पूरा किया जा सके।
गौरतलब है कि कोरोना को लेकर दहशत के चलते पिछले करीब 1 महीने से कोलकाता सहित राज्यभर में रक्तदान शिविरों का आयोजन बंद है। सरकार की ओर से लगातार सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करने के लिए कहा जा रहा है, ऐसे में विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं, क्लबों आदि की ओर से रक्तदान शिविर आयोजित नहीं किया जा रहा है। साथ ही इस समय लॉकडाउन चल रहा है। इसके चलते राज्य के सभी ब्लड बैंकों में रक्त की भारी कमी हो गई है।