50 फुट ऊंची दुर्गा प्रतिमा के बाद अब 65 फुट के महादेव!
हावड़ा में यह अबतक की सबसे ऊंची दुर्गा प्रतिमा है, जिसे देखने तकरीबन 14 लाख लोगों की भीड़ उमड़ी थी। इस साल का पूजा बजट 12 लाख रुपये हैं।
हावड़ा, विशाल श्रेष्ठ। हर साल कुछ अलग करने के लिए मशहूर बालटिकुड़ी सजीव संघ के पूजा पंडाल में इस बार कैलाश पर्वत का अद्भुत नजारा दिखेगा। बालटिकुड़ी सजीव संघ के सचिव बरुण मंडल ने बताया कि असुरों के हमले के बाद जब देवताओं को स्वर्ग छोड़कर भागना पड़ा था, तब वे पहले ब्रदृमा, फिर विष्णु और अंत में महादेव की शरण में कैलाश पहुंचे थे। देवताओं के मुंह से असुरों के अत्याचार की बातें सुनकर महादेव का चेहरा क्रोध से लाल हो उठा था।
उनके उसी मुखमंडल को पंडाल में दर्शाया जाएगा। इस बाबत 65 फुट ऊंचे महादेव का निर्माण किया जा रहा है। महादेव के गर्भ से पंडाल में प्रवेश करके मां दुर्गा एवं गणोश-कार्तिकेय और लक्ष्मी-सरस्वती की प्रतिमाओं के दर्शन किए जा सकेंगे। महादेव की जटाओं से गंगा को निकलते भी दिखाया जाएगा। इस अनूठे थीम को मां भवतारिणी डेकोरेटर, मेदिनीपुर मूर्त रूप देने में जुटा हुआ है।
बामनपाड़ा आटचला माठ में निर्मित हो रहे इस पंडाल का उद्घाटन द्वितीया अथवा तृतीया को किसी सेलिब्रिटी के हाथों कराया जाएगा। इस साल का पूजा बजट 12 लाख रुपये हैं। गौरतलब है कि बालटिकुड़ी सजीव संघ ने पिछले साल मां दुर्गा की 50 फुट ऊंची प्रतिमा का निर्माण कर खूब सुर्खियां बटोरी थी।
हावड़ा में यह अबतक की सबसे ऊंची दुर्गा प्रतिमा है, जिसे देखने तकरीबन 14 लाख लोगों की भीड़ उमड़ी थी। संघ के चीफ पेट्रोन हावड़ा नगर निगम के मेयर परिषद के सदस्य विभास हाजरा, संघ के अध्यक्ष आशीष दे, पूजा कमेटी के अध्यक्ष संजय बाहेती व संयोजक पार्थ मल्लिक हैं।