Lockdown Update: गोजाडांगा चेकपोस्ट पर फंसे 300 ट्रक ड्राइवरों व मजदूरों के लिए संकटमोचक बनीं बीएसएफ
बीएसएफ की 153वीं बटालियन की ओर से गोजाडांगा आइसीपी (इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट) पर फंसे 300 ट्रक ड्राइवरों श्रमिकों व स्थानीय लोगों को पिछले 1 सप्ताह से हर दिन भोजन कराया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता : कोरोना महामारी के चलते घोषित लॉकडॉउन की वजह से बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित अंतर्राष्ट्रीय चेकपोस्टों (आइसीपी) पर सैकड़ों की संख्या में ट्रक ड्राइवर व मजदूर अपने ट्रकों के साथ फंसे पड़े हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक गतिविधियां व आवाजाही बंद होने से कई दिनों से यहां फंसे इन ड्राइवरों व मजदूरों के सामने बेहद मुश्किल हालात पैदा हो गए हैं, ऐसे में सीमा की सुरक्षा में तैनात बीएसएफ इन लोगों के लिए संकटमोचक बनी हुई है।
बीएसएफ की 153वीं बटालियन की ओर से गोजाडांगा आइसीपी (इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट) पर फंसे 300 ट्रक ड्राइवरों, श्रमिकों व स्थानीय लोगों को पिछले 1 सप्ताह से हर दिन भोजन कराया जा रहा है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के कोलकाता सेक्टर अंतर्गत यह बटालियन एक समाज सेवी संस्था 'हेल्प अस हेल्प देम' के सहयोग से 5 अप्रैल से ही इन लोगों को मुफ्त में भोजन करा रही है। अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का भी पूरा पालन किया जा रहा है।
इसी तरह कोलकाता सेक्टर अंतर्गत 179वीं बटालियन ने उत्तर 24 परगना जिले में स्थित अंतरराष्ट्रीय चेकपोस्ट- पेट्रापोल पर फंसे लगभग 150 ट्रक ड्राइवरों व मजदूरों को हाल में 15 दिन का राशन सामग्री प्रदान किया था। समाज सेवी संस्था के सहयोग से बीएसएफ ने यहां प्रत्येक ड्राइवर को 5 किलो चावल, 3 किलो आलू, डेढ़ किलो दाल, ढाई सौ ग्राम सरसो तेल, 50 ग्राम मसाला, आधा किलो नमक व एक बोतल पानी दिया गया था। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत अन्य बटालियनों व यूनिटों की ओर से भी लॉकडाउन को देखते हुए सीमावर्ती क्षेत्रों में विभिन्न जगहों पर गरीब व जरूरतमंद लोगों के बीच भोजन का वितरण किया जा रहा है। इतना ही नहीं सीमा की रखवाली के साथ बीएसएफ के जवान बंगाल के सीमावर्ती जिलों में कोरोना को लेकर लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।
दक्षिणेश्वर के मलिन बस्ती के 800 गरीबों को रोज खाना खिला रही बीएसएफ
इधर, लॉकडाउन को देखते हुए बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत 27वीं बटालियन की ओर से समाजसेवी संस्था' हेल्प अस हेल्प देम' के सहयोग से दक्षिणेश्वर के नजदीक एक बेहद पिछड़ी व मलिन बस्ती के करीब 800 लोगों को पिछले 8 दिनों से रोजाना भोजन कराया जा रहा है। यह बस्ती बटालियन मुख्यालय टैगोर विला, दक्षिणेश्वर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। बस्ती में गरीब, असहाय व ज्यादातर दैनिक मजदूरी करने वाले लोग रहते हैं।