कोलकाता में वामपंथी छात्र संगठन BBC की प्रतिबंधित डाक्यूमेंट्री दिखाने की कर रहा तैयारी
प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में इसे दिखाने की घोषणा की गई है। एसएफआइ की तरफ से इसको लेकर विश्वविद्यालय परिसर में पोस्टर भी लगा दिए गए हैं जिसमें कहा गया है कि 27 जनवरी को डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। इस घोषणा के बाद विवाद बढ़ने के पूरे आसार हैं। (जागरण-फोटो)
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बनाई गई बीबीसी की विवादित डाक्यूमेंट्री को सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है। इसके बावजूद वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट फेडरेशन आफ इंडिया (एसएफआइ) इस प्रतिबंधित डाक्यूमेंट्री को कोलकाता में भी दिखाने की तैयारी शुरू कर दी है।
प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय परिसर में लगाए गए पोस्टर
प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय में इसे दिखाने की घोषणा की गई है। एसएफआइ की तरफ से इसको लेकर विश्वविद्यालय परिसर में पोस्टर भी लगा दिए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि 27 जनवरी को डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। इस घोषणा के बाद विवाद बढ़ने के पूरे आसार हैं।
डाक्यूमेंट्री दिखाने के लिए विवि प्रशासन से भी मांगी अनुमति
एसएफआइ ने डाक्यूमेंट्री प्रदर्शित करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से अनुमति मांगी है। एसएफआइ की प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय इकाई के प्रमुख आनंदरूपा धर ने कहा है कि हमने विश्वविद्यालय प्रबंधन को डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग के लिए मंगलवार को ईमेल भेजा है, जिसमें विश्वविद्यालय के बैडमिंटन कोर्ट में इसे दिखाने की अनुमति मांगी गई है।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसपर नहीं दिया जवाब
हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसपर अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। वहीं, छात्रों का एक अन्य वर्ग एक फरवरी को विश्वविद्यालय के एके बसाक सभागार में इस डाक्यूमेंट्री को प्रदर्शित करने की योजना बना रहे है। इसके अलावा एसएफआइ की जादवपुर विश्वविद्यालय में भी इस डाक्यूमेंट्री को दिखाने तैयारी कर रही है, जो पहले से ही वामपंथियों का गढ़ रहा है और दिल्ली जेएनयू में कुछ भी होता है तो इसके बाद जादवपुर विश्वविद्यालय में भी गतिविधियां बढ़ जाती है।
केरल के कई कालेजों में की डाक्यूमेंट्री की गई स्क्रीनिंग
बता दें कि केंद्र सरकार इस डाक्यूमेंट्री की स्क्रीङ्क्षनग पर पहले ही प्रतिबंध लगा चुकी है। इससे पहले एसएफआइ द्वारा केरल के कई कालेजों में मंगलवार को इस विवादित डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग की गई। भाजपा इसका विरोध कर रही है। वहीं, वामपंथी व अन्य विपक्षी दलों से जुड़े संगठन इस डाक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर अड़े हैं। एसएफआइ की केंद्रीय कार्य समिति ने सभी राज्य ईकाइयों को इस डाक्यूमेंट्री की स्क्रीङ्क्षनग कराने का पहले ही निर्देश दिया है। इससे पहले दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रशासन की सख्त चेतावनी के बावजूद भी वामपंथी छात्र संगठन स्क्रीनिंग पर अड़े हुए थे।
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