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वाममोर्चा और कांग्रेस ने कहा- बंगाल की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करें मुख्यमंत्री

वाममोर्चा परिषदीय दल के नेता सूजन चक्रवर्ती तथा विधानसभा में विरोधी दल के नेता अब्दुल मन्नान ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 02:52 PM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 02:52 PM (IST)
वाममोर्चा और कांग्रेस ने कहा- बंगाल की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करें मुख्यमंत्री
वाममोर्चा और कांग्रेस ने कहा- बंगाल की लचर स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करें मुख्यमंत्री

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। वाममोर्चा और  कांग्रेस ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल है और इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। दोनों दलों ने मुख्यमंत्री से राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने का अनुरोध किया है।

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वाममोर्चा परिषदीय दल के नेता सूजन चक्रवर्ती तथा विधानसभा में विरोधी दल के नेता अब्दुल मन्नान ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य में रोजाना कोरोनावायरस के ढाई हजार मरीज सामने आ रहे हैं और 43 लोगों की मौत हो रही है। जांच बढ़ने के साथ ही पॉजीटिव मरीजों की बढ़ती दर ने चिंता बढ़ा दी है। इसके साथ कोरोना मुक्त होने वाले मरीजों का दोबारा संक्रमित होना भी गंभीर चिंता का विषय बन गया है। जांच में तेजी से मरीजों की तादाद बढ़ना स्वभाविक है। लेकिन कोरोना अस्पतालों की बदहाली की खबरें और सामने आने वाली तस्वीरों को देख कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। सरकारी अस्पतालों और जांच केंद्रों की तो हालत यह है कि वहां स्वस्थ लोग भी संक्रमित होकर मौत के मुंह में समा सकते हैं।

दूसरी ओर, निजी अस्पतालों में भी इलाज के नाम पर महज खानापूर्ति हो रही है और उसके एवज में मरीजों से लाखों रुपये का मोटा बिल वसूला जा रहा है। इस महामारी ने राज्य की पहले से ही जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। लेकिन सरकार इसे दुरुस्त करने के नाम पर महज कुछ बिस्तर बढ़ाने की बात कह कर चुप्पी साध लेती है। इस बदहाली की वजह से दूसरी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की मुश्किलें भी काफी बढ़ गई हैं।

स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए

दोनों दलों के नेताओं ने कहा है कि राज्य के बाकी हिस्सों की बात छोड़ भी दें तो राजधानी कोलकाता की हालत सबसे खराब है। यहां बेहतरीन मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अलावा दर्जनों स्वनाम धन्य कॉरपोरेट अस्पताल हैं। बावजूद इसके शायद ही कोई दिन ऐसा गुजरता है, जब इन अस्पतालों में जगह नहीं मिलने की वजह से किसी न किसी मरीज की असमय मौत की खबरें सामने नहीं आती हों।

सरकार की ओर से बार-बार जारी होने वाले दिशानिर्देशों के बावजूद हालत सुधरने की बजाय लगातार बिगड़ रही है। लिहाजा मौजूदा स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री को ठोस कदम उठाने होंगे। जैसे विशेषज्ञों की राय लेनी होगी, स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करने होंगे, सक्रिय हेल्प लाइन चालू करनी होगी। इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त कर देना चाहिए तथा वरिष्ठ मंत्री को स्वास्थ्य मंत्री बनाना चाहिए। 


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