गैस रिसाव पीड़िता की नौ दिनों के बाद अस्पताल में मौत
- नौ दिनों से कोलकाता मेडिकल अस्पताल में थी भर्ती - पांच फरवरी को क्लोरीन गैस रिसाव की चपेट म
- एकमात्र बेटी को नौकरी देने की मांग
- शरीर में गैस फैलने से गुर्दे हुए फेल
- क्लोरीन गैस रिसाव की चपेट में आकर पड़ी थीं बीमार
- मामले के निपटान के तरीकों को लेकर दमकल विभाग पर सवाल
जागरण संवाददाता,हावड़ा : बेलूर स्थित रद्दी लोहे के कारखाने में हुए क्लोरीन गैस रिसाव की चपेट में आकर बीमार पड़ी महिला मरीज की , मंगलवार को अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। मृतका का नाम सन्नो पांडेय (58) है। वह कोलकाता मेडिकल कॉलेज में बीते नौ दिनों से भर्ती थीं। मंगलवार की सुबह इलाज के दौरान अस्पताल में महिला मरीज ने दम तोड़ दिया। मृतका की एकमात्र नाबालिग बेटी है।
बता दें कि सन्नो देवी के पति एक हिंदी अखबार में काम करते थे। कई साल पहले उनकी मृत्यु हो गई। उनकी एक बेटी है, जो दसवीं की छात्रा है। सन्नो अपनी बेटी के साथ जगन्नाथ स्थित एक मंदिर में ही रहती थीं। घटना वाले दिन बेटी स्कूल पढ़ने गई थी। पांच फरवरी को हुए गैस रिसाव की चपेट में आकर सन्नो लगभग तीन घंटे तक अचेत घर में ही पड़ी रही। बाद में स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें घुसुड़ी स्थित टीएल जायसवाल अस्पताल ले जाया गया। बाद में वहां से हावड़ा जिला अस्पताल में भेज दिया गया। हालांकि स्थिति में लगातार गिरावट को देखते हुए वहां से कोलकाता मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। वहां मरीज को आइसीयू में भर्ती किया गया। सोमवार की देर रात अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
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- जहरीली गैस के कारण फेल हुए गुर्दे
चिकित्सकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला की हालत काफी गंभीर थी। उनके पूरे शरीर में क्लोरीन गैस फैल गई थी। दिए जा रहे तमाम दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा था। उन्हें बचाने की काफी कोशिश की गई। हालांकि पूरे शरीर में गैस फैल जाने के कारण उनके गुर्दे ने काम करना बंद कर दिया था। यही कारण ही की कई दिनों तक चले इलाज के बाद उनकी मौत हो गई।
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- एकमात्र बेटी को नौकरी की मांग
परिवार के लोगों का कहना है कि अस्पताल में इलाज के दौरान स्थानीय प्रशासन की ओर से किसी ने मरीज की हाल जानने तक की कोशिश नहीं की। एक दिन वार्ड-57 की पार्षद चौताली विश्वास अस्पताल में मरीज की जानकारी लेने आई थीं। परिवार के लोगों का कहना है कि मृतका की एकमात्र बेटी है। इस परिस्थिति में मृतका की बेटी की मदद के लिए सरकार को आगे आना चाहिए। राज्य सरकार से बेटी को नौकरी देने की मांग की गई है।
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- जहरीली गैस से ही हुई है मौत - बेटी
नेहा पांडेय ने कहा कि जहरीली गैस रिसाव से ही मौत हुई है। कहा कि मां की तबीयत अच्छी थी। गैस रिसाव कांड के बाद ही उनकी तबीयत बिगड़ी और बाद में उनकी मौत हो गई।
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- 5 जनवरी को हुआ था गैस रिसाव
उल्लेखनीय है कि बीते पांच फरवरी को बेलूड़ थाना के घुसुड़ी स्थित बजरंग बली मार्केट में रद्दी लोहे के कारखाने में पुराने सिलेंडर को काटने के दरम्यान उससे तेज क्लोरीन गैस का रिसाव होने लगा, जिससे पूरे अंचल में लोग बीमार पड़ने लगे थे। इससे आतंक का माहौल व्याप्त हो गया था। एक के बाद एक 60 से भी ज्यादा लोग बीमार पड़ गये थे। मामले में दमकल विभाग पर गैस रिसाव की समस्या से निबटने के तरीके को लेकर सवाल उठाया गया। गंगा नदी में गैस सिलेंडर को डूबो कर गैस रिसाव को निष्क्रय करने की लापरवाहीपूर्ण दमकल विभाग के कदम की आलोचना की गई।
बता दें कि मामले में कारखाना के तीन मालिकों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया गया है। हालांकि अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है।