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बेलूर मठ में महाअष्टमी पर धूमधाम से हुई कुमारी पूजा, 1901 में विवेकानंद ने की थी शुरुआत

वैश्विक कोरोना महामारी का असर कम होने व सभी प्रतिबंध हटने के बाद इस बार दो साल के अंतराल के बाद रामकृष्ण मिशन के वैश्विक मुख्यालय बेलूर मठ में दुर्गा पूजा महाष्टमी के दिन होने वाली ऐतिहासिक कुमारी पूजा सोमवार को धूमधाम से आयोजित हुई।

By Jagran NewsEdited By: Sumita JaiswalPublished: Mon, 03 Oct 2022 06:58 PM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 06:58 PM (IST)
बेलूर मठ में  महाअष्टमी पर धूमधाम से हुई कुमारी पूजा, 1901 में विवेकानंद ने की थी शुरुआत
महाअष्टमी पर सोमवार को बेलूर मठ में कुमारी पूजा करते मठ के सन्यासी। जागरण फोटो।

कोलकाता, राजीव कुमार झा। वैश्विक कोरोना महामारी का असर कम होने व सभी प्रतिबंध हटने के बाद इस बार दो साल के अंतराल के बाद रामकृष्ण मिशन के वैश्विक मुख्यालय बेलूर मठ में दुर्गा पूजा महाष्टमी के दिन होने वाली ऐतिहासिक कुमारी पूजा सोमवार को धूमधाम से आयोजित हुई। मठ में हर साल आयोजित होने वाली 121 साल पुरानी इस कुमारी पूजा को देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे थे। इससे पहले कोरोना के कारण लागू प्रतिबंधों के चलते दो वर्षों तक बेलूर मठ में सीमित दायरे में बिना किसी भीड़भाड़ के कुमारी पूजा आयोजित हुई थी।

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हुगली जिले के कोन्नगर की अरित्रिका राय का हुआ चयन

महाअष्टमी के दिन बेलूर मठ में कुमारी कन्याओं की पूजा की परंपरा रही है, जिसे देखने के लिए राज्यभर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। वहीं, इस बार कुमारी पूजा के लिए हुगली जिले के कोन्नगर की रहने वाली अरित्रिका राय (उम्र- पांच साल सात महीने) का चयन किया गया था, जिनकी पूजा बेलूर मठ के सन्यासियों ने पूरे पारंपरिक विधि विधान से कीं। इसे देखने के लिए बेलूर मठ लोगों से खचाखच भरा रहा।   

1901 में स्‍वामी विवेकानंद ने की थी शुरुआत 

साल 1901 में स्वामी विवेकानंद ने अष्टमी के दिन बेलूर मठ में कुमारी पूजा की शुरुआत की थी। तब से यह परंपरा चली आ रही है। भक्तों के लिए यहां की कुमारी पूजा हर साल आकर्षण का केंद्र रहता है।

हावड़ा, कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोग इसे देखने के लिए आते हैं। बेलूर मठ प्रबंधन ने लोगों की सुविधा के लिए सदी पुरानी कुमारी पूजा का इस बार भी सजीव प्रसारण किया। बड़ी संख्या में लोगों ने वर्चुअल माध्यम से भी कुमारी पूजा का आनंद उठाया। बता दें कि पहले की तरह इस बार बेलूर मठ में दुर्गा पूजा का आयोजन भी बेहद धूमधाम से किया गया है। बड़े पंडाल में मूर्ति स्थापित किया गया है।

बड़ी संख्‍या में पहुंचते हैं श्रद्धालु

दरअसल बेलूर मठ की दुर्गा पूजा भी बहुत प्रसिद्ध और बड़ी संख्या में लोग इसे देखने पहुंचते हैं। इधर, कोलकाता के बेहला इलाके से हावड़ा स्थित बेलूर मठ में कुमारी पूजा देखने पहुंचीं एक महिला श्रद्धालु रेशमी घोष ने बताया कि बंगालियों का इस मठ से एक अलग ही जुड़ाव है। यहां की कुमारी व दुर्गा पूजा देखे बिना बंगालियों की दुर्गा पूजा ही पूरी नहीं होती। हम बहुत खुश हैं कि दो साल बाद फिर से यहां आकर कुमारी पूजा देखने का अवसर मिला।


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