गुजारा भत्ता देने से बचने के लिए पति ने ही की थी हत्या
जागरण संवाददाता कोलकाता दक्षिण 24 परगना जिले के कुलतला थानांतर्गत मेरीगंज में मुक्तारी उर्फ मु
जागरण संवाददाता, कोलकाता : दक्षिण 24 परगना जिले के कुलतला थानांतर्गत मेरीगंज में मुक्तारी उर्फ मुसलरी मंडल और अबिदा बेगम की हत्या की गुत्थी 24 घंटे में ही सुलझाते हुए पुलिस ने मुख्य आरोपित समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। मुख्य आरोपित का नाम मिजानूर मंडल है। वह मृतका मुक्तारी का पति और अबिदा का जीजा है। शनिवार को पुलिस ने उसे कैनिंग से गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि गुजारा भत्ता देने से बचने के लिए उसी ने मुक्तारी की हत्या की। उसे ऐसा करते देख लेने पर साली अबिदा की भी हत्या कर दी। पुलिस आरोपित से पूछताछ कर पता लगाने में जुटी है कि हत्या के पीछे और किन-किन लोगों का हाथ है। लगे हाथ पुलिस पता लगाने में जुटी है कि हत्या से पहले कहीं दोनों के साथ दुष्कर्म तो नहीं हुआ है।
पांच साल पहले हुई थी शादी
पुलिस और स्थानीय लोगों ने बताया कि कैनिंग निवासी मिजानूर मंडल और मथुरापुर निवासी मुक्तारी की शादी पांच साल पहले हुई थी। पर रिश्ता ज्यादा लंबा नहीं चला और दो साल पहले दोनों एक दूसरे से अलग हो गए। मामला अदालत पहुंच गया। अदालत ने पति मिजानूर को मुक्तारी को भरण पोषण देने की शर्त पर स्वेच्छा से अलग-अलग रहने का निर्देश दिया। यही बात मिजानूर को खटक रही थी। पत्नी से अलगाव के बावजूद उसे प्रति माह पैसे देने पड़ रहे थे। मिजानूर से इससे छुटकारा पानी की योजना बनाई और उसे रास्ते से ही हटाने का निर्णय ले लिया। योजनाबद्ध तरीके से मिजानूर ने गुरुवार को फोन कर मुक्तारी को मीरगंज अंचल स्थित पियाली नदी के पास बुलाया। पर अकेले जाने के बजाय मुक्तारी अपने साथ अपनी बहन अबिदा को भी ले गई। वहां पहुंचने के बाद मिजानूर बातचीत करने के बहाने कुछ दूर ले जाकर मौका पाकर मुक्तारी की हत्या कर दी। भारी वस्तु से चेहरा भी बिगाड़ दिया। पर उसे ऐसा करते अबिदा ने देख लिया, तो मिजानूर ने उसकी भी हत्या कर दी। बाद में शव 100 मीटर दूर फेंक दिया। पर गुरुवार की रात ईंट-भंट्टा पर काम कर लौट रहे मजदूरों की नजर अबिदा के शव पर पड़ी। इसकी सूचना कुलतली थाने को दी गई। पुलिस पहुंची और शव कब्जे में लेकर उसकी पहचान सुनिश्चित करने में जुट गई। पर अगले दिन यानी शुक्रवार की सुबह घटनास्थल से कुछ दूरी पर एक और शव बरामद हुआ, जिससे दहशत फैल गई। बाद में दोनों की शिनाख्त मुक्तारी और अबिदा के रूप में हुई।