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सड़क हादसे में घायल लोगों के लिए वरदान साबित हुआ 'करमा'

- मेडिका अस्पताल की मदद से कोलकाता पुलिस ने 2012 में शुरू की थी सेवा - अब तक 22,899 दुर्घ

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 05:11 PM (IST)Updated: Tue, 24 Jul 2018 05:11 PM (IST)
सड़क हादसे में घायल लोगों के लिए वरदान साबित हुआ 'करमा'
सड़क हादसे में घायल लोगों के लिए वरदान साबित हुआ 'करमा'

- मेडिका अस्पताल की मदद से कोलकाता पुलिस ने 2012 में शुरू की थी सेवा

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- अब तक 22,899 दुर्घटना पीड़ितों को मुहैया कराई गई आपातकालीन चिकित्सा

जेएनएन, कोलकाता : सड़क दुर्घटनाओं में घायल हुए लोगों की तत्काल मदद के लिए कोलकाता पुलिस, मेडिका सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल एवं ईस्टर्न इंडिया हेल्थकेयर फाउंडेशन (ईआइएचएफ) के संयुक्त तत्वावधान में 2012 में शुरू किए गए 'करमा' प्रोजेक्ट हजारों लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है। इसकी मदद से पिछले कुछ वर्षो में कोलकाता में सड़क दुर्घटनाओं का शिकार हुए बड़ी संख्या में लोगों को समय पर तत्काल चिकित्सा सुविधा मुहैया कराकर जान बचाना संभव हुआ है। कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (ट्रैफिक) मितेश जैन ने बताया कि करमा प्रोजेक्ट के तहत अब तक 22899 दुर्घटना पीड़ितों को आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान की गई है एवं 18927 पीड़ितों को सुरक्षित तरीके से निकटतम अस्पताल पहुंचाया गया। उनके मुताबिक, यह सेवा कोलकाता में सड़क दुर्घटना पीड़ितों को चौबीसों घंटे मुहैया कराई गई है। इतना ही नहीं इस सेवा का लाभ सिर्फ सड़क दुर्घटना पीड़ितों को ही नहीं मिला है बल्कि महानगर के किसी भी कोने में अन्य बीमार व्यक्ति को जरूरत पड़ने पर पास के मेडिकल सेंटर तक पहुंचाने में मदद करता है।

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दुर्घटना में घायलों को तत्काल चिकित्सा उपलब्ध करता है करमा

वहीं, मेडिका गु्रप के सीएसआर हेड मंजुला सिंह ने कहा कि करमा दुर्घटना पीड़ितों को तत्काल सहायता प्रदान करता और उन्हें निकटवर्ती अस्पताल पहुंचाता है ताकि उन्हें समय पर उचित इलाज मिल सके। उन्होंने कहा, 'करमा' से पहले कोलकाता में दुर्घटना पीड़ितों को आपातकालीन सेवा मुहैया कराने के लिए कोई अन्य संगठित सेवा उपलब्ध नहीं था।

करमा सेवा के संचालन के लिए मेडिका सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल के भीतर एक कमांड सेंटर भी है जिसे कोलकाता ट्रैफिक पुलिस व मोटर परिवहन अनुभाग के सहयोग से संचालित किया जाता है। यह सेंटर चौबीसों घंटे काम करता है।

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महानगर में 18 एंबुलेंस रहती है तैनात

करमा के तहत कोलकाता के विभिन्न स्थानों पर प्रशिक्षित चिकित्सा सहायकों के साथ कुल 18 एंबुलेंस पीड़ितों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहती है। सभी प्रकार के प्राथमिक चिकित्सा उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित एंबुलेंस के साथ कोलकाता पुलिस के कर्मियों और चालक के अलावा दो आपातकालीन चिकित्सा विशेषज्ञ हमेशा तैयार रहते हैं। इस सेवा के लिए हर दिन 10-15 कॉल प्राप्त होता है।

इधर, मेडिका गु्रप ऑफ हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ आलोक राय ने कहा कि हमें निश्चित रूप से कोलकाता पुलिस की इस पहल से जुड़े होने पर गर्व है। करमा एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है और यह निश्चित रूप से महानगर व मानवता के हितों की रक्षा करता है। उन्होंने सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद के लिए पूरे देश में इस प्रकार की पहल शुरू करने पर जोर देते हुए कहा कि इसके लिए राज्य सरकारों, पुलिस और अन्य हितधारकों को एक साथ आना चाहिए।

यह भी बता दें कि छह साल पहले कोलकाता पुलिस ने करमा सेवा की शुरुआत करने से पहले कोलकाता के सभी प्रमुख अस्पतालों से इससे जुड़कर अपनी सेवा उपलब्ध कराने का आग्रह किया था लेकिन मेडिका अस्पताल को छोड़ किसी ने भी इसमें रूचि नहीं दिखाई थी। आज मेडिका की मदद से यह सेवा सैकड़ों परिवारों के लिए वरदान बन चुका है।


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