कोलकाता में खुल रहा पहला फ्लोटिंग बाजार, 114 नावों पर सजेगी दुकानें, 24 घंटे खुली रहेंगी
बाजार में सब्जियां, फल, मछली, मांस, अनाज, चावल, खाद्य तेल और चाय की बिक्री 114 नावों पर होगी। यह बाजार सातों दिन 24 घंटे खुला रहेगा।
कोलकाता, [राज्य ब्यूरो] । महानगर में जल्द ही राज्य का पहला फ्लोटिंग मार्केट खुलने जा रहा है। कोलकाता मेट्रोपॉलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) ने ईएम बाईपास की चौड़ीकरण के दौरान विस्थापित होने वाले हॉकरों के पुनर्वास के लिए शहर के दक्षिणी किनारों में फ्लोटिंग बाजार तैयार कर रहा है।
लगभग 9 करोड़ की लागत से पाटुली के पास एक जलाशय में बाजार स्थापित किया जाएगा। केएमडीए के अधिकारी के मुताबिक, बाजार में सब्जियां, फल, मछली, मांस, अनाज, चावल, खाद्य तेल और चाय की बिक्री 114 नावों पर होगी। यह बाजार सातों दिन 24 घंटे खुला रहेगा।
केएमडीए के अधिकारियों के मुताबिक गरिया के निकट पाटुली में कई हॉकरों को ईएम बाईपास की चौड़ीकरण की वजह से विस्थापित हुए हैं। उनके पुनर्वास को लेकर विचार किया जा रहा था। हमलोगों ने निर्णय लिया है कि रोड की चौड़ीकरण की वजह से वैष्णवघाटा-पाटुली बाजार में व्यवसाय करने वाले विस्थापितों के लिए एक ऐसा मार्केट तैयार किया जाए जो विशेष हो। इसीलिए फ्लोटिंग मार्केट तैयार करने का निर्णय लिया गया है। ईएम बाईपास की चौड़ीकरण के लिए तीन वर्ष पहले ही उक्त बाजार को हटाने का निर्णय लिया गया था।
उन्होंने कहा, श्रीनगर के डल झील के अलावे बैंकॉक और सिंगापुर में फ्लोटिंग मार्केट है। 114 नौकाओं में से केएमडीए ने पहले ही 32 खरीदे लिए हैं और शेष नौकाएं इस महीने के अंत तक पहुंचेंगी।
हर नाव की लंबाई 10 फीट होगी जो विशेष रूप से तैयार की जा रही है। नाव पर दो स्टॉल होंगे। पटाया में जिस तरह का मार्केट है उसी तरह का यह मार्केट होगा।
केएमडीए ने ईएम बाईपास से एक फुटओवर ब्रिज उक्त मार्केट तक तैयार करने की योजना बनाई है। साथ ही जल निकाय के किनारे उद्यान के साथ-साथ सुलभ शौचालय तैयार की जाएगी। इस बाजार में 200 से अधिक हॉकरों को बाजार में पुनर्वास किया जाएगा।
शहरी विकास व नगर पालिका मामले के मंत्री फिरहाद हकीम का कहना है कि एक बार मैं थाईलैंड गया था जहां मैंने फ्लोटिंग अस्थाई बाजार देखा था। उसे देखकर हमने कोलकाता में भी ऐसा ही बाजार तैयार करने की योजना बनाई है। यह बाजार थाईलैंड और इंडोनेशिया की तरह नहीं होगा। परंतु, कुछ मिलता जुलता होगा।
यह हमारे सामान्य बाजारों की तरह होगा। सिर्फ फर्क इतना होगा कि दुकान तैरने वाली नावें होंगी। मुझे उम्मीद है कि यह बाजार पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। मंत्री ने यह भी कहा कि यह प्रयोग सफल रहा तो ऐसे बाजार राज्य के अन्य स्थानों पर बनाया जाएगा।