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राजीव कुमार का तबादला, अनुज शर्मा बने नए सीपी

-सीपी का चार्ज संभालते ही शर्मा ने कहा, अपराध के खिलाफ करेंगे कार्य -राजीव कुमार बनें एडीजी

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 08:03 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 08:03 PM (IST)
राजीव कुमार का तबादला, अनुज शर्मा बने नए सीपी
राजीव कुमार का तबादला, अनुज शर्मा बने नए सीपी

-सीपी का चार्ज संभालते ही शर्मा ने कहा, अपराध के खिलाफ करेंगे कार्य

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-राजीव कुमार बनें एडीजी सीआइडी (क्राइम)

-एडीजी (कानून-व्यवस्था) बनें सिद्धिनाथ गुप्ता

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी कहे जाने वाले कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार का आखिरकार मंगलवार को तबादला हो गया। तीन साल बाद कोलकाता पुलिस से उन्हें राज्य सीआइडी में एडीजी एंड आइजी (क्राइम) के पद पर स्थानांतरित कर दिया गया। उनकी जगह राज्य के एडीजी (कानून-व्यवस्था) रहे अनुज शर्मा को कोलकाता पुलिस का नया आयुक्त नियुक्त किया गया है। अनुज शर्मा भी मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले अफसरों में से एक हैं। वहीं एडीजी (कानून व्यवस्था) के पद पर एडीजी (आइबी) सिद्धिनाथ गुप्ता को बैठाया गया है। मंगलवार को कोलकाता पुलिस आयुक्त का कार्यभार संभालते हुए अनुज शर्मा ने कहा कि कोलकाता में रहने वाले कश्मीर के लोगों को सुरक्षा को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें पूरी सुरक्षा मिलेगी।

पुलिस मुख्यालय लालबाजार में कार्यभार संभालने के बाद मीडिया से मुखातिब हुए शर्मा ने कहा कि कोलकाता पुलिस लोगों के लिए काम करती है और हमारा लक्ष्य होगा कि आम लोगों को अधिक से अधिक सहयोग व मदद करें। साथ ही अपराध दमन के लिए हम लोग लगातार काम कर रहे हैं और करते रहेंगे।

राजीव कुमार सारधा चिटफंड घोटाले में इन दिनों सीबीआइ जाच का सामना कर रहे हैं। राजीव कुमार के तबादले का आदेश सोमवार को ही आ गया था। हालाकि उनके उत्तराधिकारी को लेकर कई नाम सामने आ रहे थे, जिनमें अनुज शर्मा की दावेदारी मजबूत मानी जा रही थी। मंगलवार को उनकी कोलकाता पुलिस कमिश्नर पद पर नियुक्ति की औपचारिक घोषणा भी हो गई। राजीव को सोमवार को पुलिस लाइन में विदाई दी गई थी।

बता दें कि राजीव कुमार बीते दिनों उस वक्त चर्चा में थे जब सारधा चिटफंड घोटाले में उनसे पूछताछ करने आई सीबीआइ टीम को ही हिरासत में ले लिया गया था। इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुलकर उनके समर्थन में उतर आई थीं। लंबे चले नाटकीय विवाद का अंत सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद हुआ, जिसमें कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआइ की पूछताछ का सामना करने का आदेश दिया। इसके बाद उनसे मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग में पांच दिनों तक कई घटे पूछताछ की गई थी।

बताते चलें कि निर्वाचन आयोग के नियम के अनुसार कोई भी आइपीएस या आइएएस अधिकारी अगर तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लेता है तो आसन्न चुनाव को देखते हुए उसका तबादला हो जाना चाहिए। इस कड़ी में इससे पहले 50 से अधिक पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को इधर से उधर किया जा चुका है। 2016 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी चुनाव आयोग ने राजीव कुमार को चुनाव कार्य से अलग कर उनके स्थान पर सोमेन मित्रा को पुलिस आयुक्त नियुक्त कर दिया था।


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