आजादी के बाद कोलकाता को मिला पहला मुस्लिम मेयर
पश्चिम बंगाल के शहरी विकास व नगरपालिका मंत्री फिरहाद हकीम उर्फ बॉबी 94 वर्ष पुराने कोलकाता नगर निगम के मेयर पद पर आसीन होंगे।
कोलकाता, राजीव कुमार झा। आजादी के बाद पहली बार कोलकाता का मेयर कोई मुस्लिम बनने जा रहा है। पश्चिम बंगाल के शहरी विकास व नगरपालिका मंत्री फिरहाद हकीम उर्फ बॉबी 94 वर्ष पुराने कोलकाता नगर निगम के मेयर पद पर आसीन होंगे, जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बेहद खास बताए जाते हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने कोलकाता के नए मेयर के तौर पर उनके नाम की औपचारिक घोषणा भी कर दी। मुख्यमंत्री से मनमुटाव के बाद गुरुवार को कोलकाता के मेयर पद से शोभन चटर्जी के इस्तीफे के बाद फिरहाद को उनके स्थान पर मेयर बनाने की घोषणा की गई है। इसके साथ कोलकाता के मौजूदा उपमेयर इकबाल अहमद की जगह अब मेयर परिषद के सदस्य अतिन घोष उप मेयर होंगे।
ममता बनर्जी ने पहले कोलकाता नगर निगम में मेयर व उप मेयर पद की जिम्मेदारी अलग-अलग समुदाय के लोगों को दी थी, लेकिन अब यह उल्टा हो गया है। उन्होंने इससे पहले मेयर पद पर हिंदू व उप मेयर पद पर मुस्लिम चेहरे को बिठाया था लेकिन अब मेयर मुस्लिम और उप मेयर हिंदू होंगे। इधर, जानकारी के मुताबिक फिरहाद से पहले ब्रिटिश शासनकाल के दौरान बंगाल प्रजा पार्टी के सदस्य सैयद मुहम्मद उस्मान अविभाजित बंगाल में कोलकाता के अंतिम मुस्लिम मेयर थे। वह अप्रैल 1946 से अप्रैल 1947 तक मेयर रहे थे। तब पश्चिम बंगाल और पूर्वी बंगाल (अब बांग्लादेश) एक था। इस पार्टी का गठन करने वाले एके फजलुल हक, जो बाद में पाकिस्तान के गृह मंत्री बने और फिर पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के गर्वनर भी बने थे। कोलकाता नगर निगम की स्थापना 16 अप्रैल, 1924 को हुई थी।
कोलकाता के पहले मेयर देशबंधु चित्तरंजन दास थे जो अप्रैल, 1924 से अप्रैल, 1925 तक इस पद पर आसीन रहे। अंग्रेजी शासनकाल में मेयर का कार्यकाल एक साल का ही होता था। वहीं 1924 से 1947 के बीच ब्रिटिश शासनकाल के दौरान कोलकाता में पांच मुस्लिम मेयर हुए थे। कोलकाता के पहले मुस्लिम मेयर मुस्लिम लीग के अब्दुल कासिम फजरूल हक (1935- 1936) तक थे। दूसरे मुस्लिम मेयर एकेएम जकारिया (1938 से 1939) तक थे। तीसरे मुस्लिम मेयर अब्दुल रहमान सिद्धिकी (1940 से 1941) थे। चौथे मुस्लिम मेयर सैयद बदरुदुजा (1943 से 1944) थे। वहीं, आजादी से पहले पांचवे व अंतिम मुस्लिम मेयर सैयद मुहम्मद उस्मान (1946 से 1947) तक थे।
जानकारी के मुताबिक, स्थापना के बाद से अब तक कोलकाता के कुल 36 मेयर हुए हैं, हालांकि इस दौरान आजादी के बाद 1948 से 1952 एवं 1972 से 1985 तक कोई मेयर नहीं था। गौर करने वाली बात है कि आजादी के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी कोलकाता के मेयर रह चुके हैं और उनका कार्यकाल 22 अगस्त, 1930 से 15 अप्रैल, 1931 तक रहा। उनके बाद बंगाल के प्रथम मुख्यमंत्री विधानचंद्र राय ने मेयर का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल अप्रैल, 1931 से अप्रैल 1932 तक था।