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Kolkata HC: कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा- इलाज के लिए कहीं भी जा सकता है व्यक्ति, अदालत नहीं करेगी हस्तक्षेप

कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने इलाज के लिए कहीं भी जा सकता है। अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। अभिषेक बनर्जी से कोयला तस्करी मामले में ED पूछताछ कर रही है और उन्हें इलाज के लिए बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई थी।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyPublished: Tue, 06 Dec 2022 07:37 PM (IST)Updated: Tue, 06 Dec 2022 07:37 PM (IST)
Kolkata HC: कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा- इलाज के लिए कहीं भी जा सकता है व्यक्ति, अदालत नहीं करेगी हस्तक्षेप
कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा- इलाज के लिए कहीं भी जा सकता है व्यक्ति, अदालत नहीं करेगी हस्तक्षेप

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि कोई भी व्यक्ति अपने इलाज के लिए कहीं भी जा सकता है। अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी। एक मामले पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के न्यायाधीश विवेक चौधरी ने कहा-'कुछ दिन पहले एक मामले से जुड़े व्यक्ति ने अपनी आंख का इलाज कराने के लिए दुबई जाने की अनुमति मांगी थी। विवेक चौधरी ने कहा, 'मुझे मालूम है कि दुबई में आंखों का अच्छा इलाज नहीं होता है, इसके बावजूद मैंने अनुमति दी थी, क्योंकि हर एक व्यक्ति अपनी पसंद की जगह पर अपना इलाज करा सकता है।'

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अभिषेक बनर्जी से ED कर रही पूछताछ

जस्टिस ने उस व्यक्ति का नाम तो नहीं लिया लेकिन उनका इशारा टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की तरफ बताया जा रहा है, जो कुछ दिन पहले ही विदेश से अपनी आंख का इलाज कराकर लौटे हैं। बता दें कि अभिषेक बनर्जी से कोयला तस्करी मामले में ED पूछताछ कर रही है। केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से अभिषेक को आंख के इलाज के लिए विदेश जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। इसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट का रूख किया था। अदालत में ED ने दावा किया था कि दुबई की अपेक्षा भारत मे आंखों का अच्छा इलाज होता है। इस पर अदालत ने कहा था कि कौन कहां अपना इलाज कराने जाएगा, यह उसका व्यक्तिगत विषय है। अदालत इसमें हस्तक्षेप नहीं करेगी।

'सामान्य इलाज के लिए विदेश जाना जरूरी नहीं'

जस्टिस विवेक चौधरी ने जिस मामले में फिर से यह टिप्पणी की है, वह मुंबई के एक बार के मालिक से जुड़ा है। उनके खिलाफ बंगाल पुलिस ने विभिन्न आरोपों में मामला दर्ज किया है। हाई कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई के दौरान उनके अधिवक्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल को इलाज के लिए विदेश जाने की जरूरत है। इस पर बंगाल पुलिस ने अपनी तरफ से आपत्ति जताते हुए कहा गया कि सामान्य इलाज के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं है। उसके लिए कलकत्ता का सरकारी एसएसकेएम अस्पताल ही काफी है। इसके बाद, पुलिस की इस दलील पर जस्टिस ने यह टिप्पणी की।

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