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KOLKATA Fraud : फर्जी फिक्स्ड डिपाजिट सर्टिफिकेट देकर 35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, तीन गिरफ्तार

KOLKATA Fraud कोलकाता की एक कंपनी को सरकारी बैंक के पूर्व मैनेजर सहित तीन लोगों ने लगाया चूना। एक करोड़ 94 लाख नगदी 200 ग्राम सोना तथा एक बीएमडब्ल्यू कार जब्त। कोलकाता पुलिस के एंटी बैंक फ्रॉड सेक्शन के अधिकारी मामले में की सघन जांच कर रहे हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 08:12 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 08:12 PM (IST)
KOLKATA Fraud : फर्जी फिक्स्ड डिपाजिट सर्टिफिकेट देकर 35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, तीन गिरफ्तार
यह घटना कोलकाता के मोचीपाड़ा थानांतर्गत एक सरकारी बैंक की बहूबाजार शाखा की है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता की एक कंपनी से फिक्स्ड डिपॉजिट के नाम पर 35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में कोलकाता पुलिस ने एक सरकारी बैंक के पूर्व मैनेजर सहित तीन लोगों को को गिरफ्तार किया है। इन्होंने कंपनी को फर्जी  फिक्स्ड डिपॉजिट के सर्टिफिकेट दिए थे। घटना कोलकाता के मोचीपाड़ा थानांतर्गत एक सरकारी बैंक की बहूबाजार शाखा की है। कोलकाता पुलिस के एंटी बैंक फ्रॉड सेक्शन के अधिकारी मामले में की सघन जांच कर रहे हैं।

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मोचीपाड़ा थाने में धोखाधड़ी की शिकायत 

पुलिस सूत्रों के अनुसार दो नवंबर को कोलकाता के गोखले रोड स्थित इंस्टिट्यूशन ऑफ ‌इंजीनियर्स (‌इंडिया) नामक कंपनी की ओर से मोचीपाड़ा थाने में बैंक की बहूबाजार शाखा के पूर्व मैनेजर सहित तीन लोगों के खिलाफ 35 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करायी गई। 

पूर्व मैनेजर को ग्राहक जुगाड़ कर देते थे

पूर्व मैनेजर का नाम सम्राट पाल है जबकि अन्य दो आरोपितों के नाम अरुण पांडे कृष्णेंदु मल्लिक है। अरुण तथा कृष्णेंदु बतौर कमीशन काम करते थे तथा पूर्व मैनेजर को ग्राहक जुगाड़ कर देते थे। 

एफडी पर ज्यादा रिटर्न देने की बात कही

कंपनी की ओर से शिकायतकर्ता जननकुर साहा ने अपनी शिकायत में बताया कि पिछले साल नवंबर में अरुण पांडे तथा कृष्णेंदु मल्लिक उनके पास आए व बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट करने पर ज्यादा रिटर्न देने की बात कही। उनकी बातों में आकर एफडी को चेक दिया

उनकी बातों में आकर कंपनी के अधिकारियों ने फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए उन्हें चेक दे दिया। आरोप है कि चेक लेने के बाद जालसाजों ने कंपनी के अधिकारियों को फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट दे दिया।

रुपए अपने खातों में स्थानांतरित करा लिए

-इसके बाद उन्होंने कंपनी की ओर से फिक्स्ड डिपाजिट रद करने की गलत जानकारी बैंक को दी तथा किसी तरीके से आरटीजीएस के जरिए रुपए अपने बैंक खातों में स्थानांतरित करा लिए। 

दो नवंबर को थाने में शिकायत दर्ज कराई

कुछ दिनों पहले ब्याज के सिलसिले में बैंक जाने पर कंपनी के अधिकारियों को फर्जी फिक्स्ड डिपॉजिट सर्टिफिकेट के बारे में पता चला। इसके बाद तो उन्होंने गत दो नवंबर को थाने में शिकायत दर्ज करायी। 

20 नवंबर तक हिरासत में लिए गए आरोपी

मामले की जांच के दौरान पुलिस ने बैंक के पूर्व मैनेजर के दोनों सहयोगियों अरुण पांडे तथा कृष्णेंदु मल्लिक के घर से एक करोड़ 94 लाख रुपए नगदी, 200 ग्राम सोना तथा एक बीएमडब्ल्यू कार जप्त किया है। पुलिस ने आरोपितों को 20 नवंबर तक हिरासत में लिया है।


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