KOLKATA NEWS: कोलकाता में मांस खाने वाली बैक्टीरिया ने ली शख्स की जान
ऐसे में अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो इससे संक्रमित व्यक्ति की मौत हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक मृतक मृमोय राय (44) कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के मध्यमग्राम के रहने वाले थे।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जब यहां एक 44 साल के व्यक्ति की 'मांस खाने वाली बैक्टीरिया' के संक्रमण से मौत हो गई। वह कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कालेज एंड अस्पताल में इलाज करा रहा था। डाक्टरों ने बताया कि मांस खाने वाली बैक्टीरिया को मेडिकल की भाषा में नेक्रोटाइजिंग फैशिआइटिस कहते हैं। इस बैक्टीरिया का संक्रमण स्किन और उसके नीचे के टिश्यू पर होता है, जो कि काफी कम देखने को मिलता है। हालांकि यह संक्रमण बहुत तेजी से फैल सकता है।
ऐसे में अगर सही समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो इससे संक्रमित व्यक्ति की मौत हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक मृतक मृमोय राय (44) कोलकाता से सटे उत्तर 24 परगना जिले के मध्यमग्राम के रहने वाले थे। कुछ दिन पहले उनको उस समय चोट लगी थी जब वह एक ट्रेन से गिर गए थे और एक लोहे की छड़ से उनके कूल्हे के निचले हिस्से छिल गए थे।
इस घटना के बाद राय का इलाज एक सप्ताह तक स्थानीय नर्सिंग होम में किया गया। जब उनकी हालत बिगड़ती गई, तो उन्हें 23 अक्टूबर को आरजी कर अस्पताल की ट्रामा केयर यूनिट में ट्रांसफर कर दिया गया। डाक्टरों के अनुसार तब तक उनकी हालत बहुत बिगड़ चुकी थी।
शरीर में फैल गया था जहर
सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डा. हिमांशु राय ने बताया कि रोगी को सांस लेने में गंभीर तकलीफ थी। उसके शरीर में जहर फैला हुआ था। हमने उसे तुरंत सर्जरी गहन चिकित्सा इकाई (एसआइसीयू) में भर्ती कराया, उसे वेंटिलेशन पर रखा और बिना किसी देरी के इलाज शुरू किया था। इलाज के दौरान डाक्टरों ने इस बात की पुष्टि की कि मरीज के शरीर में नेक्रोटाइजिंग फैशिआइटिस मौजूद है। तब तक इंफेक्शन मरीज के शरीर के निचले हिस्से और नाजुक अंग को खा चुका था।
स्किन में छेद करके नाजुक टिश्यू में प्रवेश कर चुका था बैक्टीरिया
डा. राय ने बताया कि जब तक हमें रोगी मिला, तब तक घातक बैक्टीरिया ने उसे गंभीर रूप से संक्रमित कर दिया था। बैक्टीरिया पहले से ही स्किन में छेद करके नाजुक टिश्यू में प्रवेश कर चुकी थी। ऐसे में सर्वोत्तम एंटीबायोटिक दवाओं और अन्य सहायक मेडिसिन के बावजूद उसे बचा नहीं पाए।
ऐसे हमला करता है यह बैक्टीरिया
डा. राय ने समझाया कि मांस खाने वाली बैक्टीरिया पहले 'ब्लड सेल' (रक्त कोशिकाओं) पर हमला करती है। इससे ब्लड सर्कुलेशन रुक जाता है। इससे वह टिश्यू तक नहीं पहुंचता है और मांसपेशियों तक भी खून जाना बंद हो जाता है। आखिर में पूरे शरीर में ब्लड सप्लाई रूक जाती है। डाक्टरों ने बताया कि शराब पीने के लती होने के कारण मृतक की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम थी। इससे उसे बचाया नहीं जा सका।
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