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जानें कौन हैं संध्या मुखर्जी, जिन्‍होंने घोषणा से पहले पद्मश्री अवार्ड से किया इन्कार, अनिंद्य चटर्जी ने भी ठुकराया

Know who is Sandhya Mukherjee 90 साल की गायिका संध्या मुखर्जी दक्षिण कोलकाता के लेक गार्डन इलाके में रहती हैं। संध्या मुखर्जी ने बंगाली फिल्मों में हजारों गाने गए हैं और उनकी पहचान आधुनिक और सेमी-क्लासिकल म्यूजिक एलबम को लेकर भी है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 26 Jan 2022 07:07 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jan 2022 10:34 PM (IST)
जानें कौन हैं संध्या मुखर्जी, जिन्‍होंने घोषणा से पहले पद्मश्री अवार्ड से किया इन्कार, अनिंद्य चटर्जी ने भी ठुकराया
पद्मश्री पाने वालों की सूची में बंगाल की मशहूर गायिका संध्या मुखर्जी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री व वरिष्ठ वामपंथी नेता बुद्धदेव भट्टाचार्य के अलावा दो और हस्तियों ने पद्म पुरस्कार लेने से इन्कार कर दिया। इनमें दो मशहूर कलाकारों गायिका संध्या मुखर्जी (90) और तबला वादक पंडित अनिंद्य चटर्जी शामिल हैं, जिन्होंने पद्मश्री पुरस्कार लेने से मना करते हुए इसकी सहमति नहीं दी। हालांकि इनमें बुद्धदेव भट्टाचार्य ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर मंगलवार को पद्म पुरस्कारों के लिए अपने नाम की घोषणा के बाद इसे लेने से मना किया। पद्म भूषण के लिए उनके नाम की घोषणा की गई थी।

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वहीं, गायिका संध्या मुखर्जी और तबला वादक पंडित अनिंद्य चटर्जी ने पद्म पुरस्कार के लिए नामों की घोषणा से पहले अपनी सहमति नहीं दी। उन दोनों को केंद्र की ओर से पद्मश्री देने की पेशकश की गई थी। बता दें कि प्रोटोकाल के तहत, पुरस्कार विजेताओं को पहले से पुरस्कार के बारे में बताया जाता है और लिस्ट का एलान उनके द्वारा सहमति के बाद ही किया जाता है। लेकिन दोनों ने सहमति नहीं दी।

बांग्ला फिल्मों में सैकड़ों गाने गा चुकीं अनुभवी व वयोवृद्ध गायिका संध्या मुखर्जी के पारिवारिक सूत्रों की मानें तो उन्होंने देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री लेने से यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि यह पुरस्कार उनके जैसे अनुभवी कद के किसी व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि एक जूनियर कलाकार को मिलना चाहिए। संध्या मुखर्जी की बेटी सौमी सेनगुप्ता ने कहा कि जब दिल्ली से पुरस्कार के लिए मंगलवार को एक अधिकारी का फोन आया तो उनकी मां ने उसी समय कहा था कि पद्मश्री उनके जैसी अनुभवी शख्सियत को दिया जाने वाला अवार्ड नहीं है। इस अवार्ड को लेना अपमान के बराबर होगा।

दूसरी ओर, मशहूर तबला वादक पंडित अनिंद्य चटर्जी, जो पंडित रविशंकर, उस्ताद अमजद अली खान और उस्ताद अली अकबर खान जैसे उस्तादों के साथ काम कर चुके हैं, उन्होंने भी बताया कि जब उन्हें दिल्ली से पुरस्कार के लिए फोन आया तो उन्होंने सीधे मना कर दिया था।गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर केंद्र सरकार द्वारा देश की कई नामचीन हस्तियों को प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार देने का एलान किया गया था।


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