KMC ने बहूबाजार में मेट्रो निर्माण कार्य के कारण क्षतिग्रस्त मकान को ढहाने का काम शुरू किया
बहूबाजार (Bahubazar Kolkata) के दुर्गा पिटुरी लेन में मेट्रो निर्माण कार्य (Kolkata Metro work) के कारण क्षतिग्रस्त मकान को गिराने का कार्य शुरू हो गया है। पिछले सप्ताह ईस्ट-वेस्ट मेट्रो लाइन से जुड़े निर्माण के कारण इन भवनों में बड़ी दरार पड़ने से नौ मकानों को खाली करवाया गया था।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता नगर निगम (केएमसी) ने यहां बहूबाजार के दुर्गा पिटुरी लेन में मेट्रो निर्माण कार्य के कारण एक भवन में पड़ी दरार के चौड़ी होने पर निकटवर्ती दूसरी इमारतों के लिए खतरा उत्पन्न हो जाने पर उसे सोमवार को तोड़ने का काम शुरू किया। केएमसी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। निगम ने इसी कारण से इस क्षेत्र की दो अन्य इमारतों को भी ढहाने का फैसला किया है।
अधिकारी ने कहा, तीन मकानों को तत्काल ढहाये जाने की जरूरत है। हमने सोमवार शाम 16/ए दुर्गा पिटुरी लेनपर एक इमारत को तोड़ना शुरू कर दिया। यह काम जारी रहेगा और अन्य दो इमारतों को भी ढहाया जाएगा। इधर, मकान तोड़े जाने को लेकर सुबह से ही घटनास्थल पर केएमसी एवं केएमआरसीएल के अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद रहे। इस दौरान उत्तर कोलकाता से स्थानीय सांसद सुदीप बंदोपाध्याय भी घटनास्थल पर पहुंचे। बंदोपाध्याय ने बताया कि वह देखना चाहते हैं कि मकान तोड़ते समय बाशिंदों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। वहीं क्षतिग्रस्त मकानों में बिजली सप्लाई और पेयजल की आपूर्ति लाइन काटने के बाद शाम करीब चार बजे से इसे तोड़ने का काम शुरू हुआ। इससे पहले मकान में रहने वालों को पहले ही वहां से खाली करा लिया गया था।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ईस्ट-वेस्ट मेट्रो लाइन से जुड़ी सुरंग निर्माण के कारण इन भवनों में बड़ी दरार पड़ जाने के बाद कम से कम इस लेन के नौ मकानों के बाशिंदों को वहां से निकाल लिया गया था। इन मकानों में रहने वाले लोगों को फिलहाल कोलकाता मेट्रो रेल कारपोरेशन लिमिटेड (केएमआरसीएल) की ओर से होटलों में ठहराया गया है।
केएमसी अधिकारी ने बताया कि जादवपुर विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ भी आज (मंगलवार) को इलाके का मुआयना करेंगे और भवनों को पहुंचे नुकसान का मूल्यांकन करेंगे। दूसरी ओर, बहूबाजार के दुर्गा पिटुरी लेन के आभूषण विक्रेता भी अपने भविष्य को लेकर अनिश्चित हैं क्योंकि ईस्ट वेस्ट मेट्रो लाइन के लिए सुरंग निर्माण के कारण करीब एक दर्जन इमारतों में बड़ी दरारें आने के बाद से उनकी दुकानें बंद है। केएमआरसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने हाल में मेयर फिरहाद हकीम के साथ बैठक के दौरान इन आभूषण विक्रेताओं के अस्थाई पुनर्वास के बारे में चर्चा की थी। हालांकि अब तक इनके पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है।