Sourav Ganguly: कैलाश विजयवर्गीय ने कहा- सौरव गांगुली को अभी नहीं दिया गया है ऑफर
Bengal Assembly Election 2019 लोकसभा चुनाव में बंगाल में 18 सीटें जीतने वाली भाजपा को ममता से टक्कर के लिए मुख्यमंत्री चेहरे की तलाश है। गांगुली रूप में उनकी यह तलाश पूरी होती दिखी लेकिन बीते रोज गांगुली अस्पताल में भर्ती हुए तो डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआइ) के अध्यक्ष सौरव गांगुली के भाजपा में शामिल होने और नहीं होने को लेकर कई तरह के अटकलें लगती रही है। इस बीच उन्हें दिल का दौरा पड़ गया था और उपचार के बाद पिछले सप्ताह अस्पताल से उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। अभी वह घर पर रह कर ही अपना स्वास्थ्य लाभ कर रहे हैं। इन सबके बीच बंगाल के भाजपा प्रभारी व केंद्रीय नेता कैलाश विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने उन्हें अभी तक ऑफर ही नहीं किया है। अगर वह भाजपा में आते हैं तो उनकी मर्जी का स्वागत किया जाएगा।
बंगाल की राजनीति में सौरव गांगुली की चर्चा तभी से शुरू हो गई थी जब उन्हें पिछले साल बीसीसीआइ का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था लेकिन सौरव ने इससे सिरे से खारिज कर दिया। पिछले दिनों जब बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ से गांगुली ने मुलाकात की तो एक बार फिर चर्चा तेज हो गई कि क्या वह राजनीति के मैदान में उतरेंगे?
दरअसल 2019 लोकसभा चुनाव में बंगाल में 18 सीटें जीतने वाली भाजपा को ममता से कड़ी टक्कर के लिए मुख्यमंत्री चेहरे की तलाश है। गांगुली के रूप में उनकी यह तलाश पूरी होती भी दिखी लेकिन बीते रोज गांगुली अस्पताल में भर्ती हुए तो डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी। इससे पहले 27 दिसंबर को सौरव गांगुली ने राजभवन में गवर्नर जगदीप धनखड़ से मुलाकात की और ईडन गार्डन में उन्हें आमंत्रित किया। धनखड़ ने कहा कि उन्होंने गांगुली से कई मुद्दों पर बात की तो बीसीसीआइ अध्यक्ष ने पत्रकारों से किसी तरह की अटकलें न लगाने को कहा। बंगाल के लोगों के बीच जबरदस्त लोकप्रियता के चलते अगर गांगुली वाकई राजनीति में आने का फैसला करते हैं तो उस दल को चुनाव में बढ़त मिलने की संभावना जरूर है जिसमें वह शामिल होंगे।
बंगाल में ममता सरकार का राज खत्म करने के लिए भाजपा को गांगुली जैसे चेहरे की जरूरत है। कई मौकों पर भाजपा नेता गांगुली के राजनीति में आने का संकेत दे चुके हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कि गांगुली जैसे सफल शख्सियत को राजनीति में आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ सभी को साथ लाने की कोशिश करेगी।
दूसरी ओर तृणमूल के भी गांगुली के साथ अच्छे संबंध हैं। माना जा रहा है कि तृणमूल नेता अक्सर ही गांगुली को राजनीति में न आने और भाजपा दूर की बातें कहते रहते हैं। फिर भी बंगाल की राजनीति में गांगुली कितना मायने रखते हैं, यह इसी से पता चलता है कि जब वह बीमार पड़े तो भाजपा से लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, माकपा के नेता और राज्यपाल तक उन्हें देखने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह तक ने गांगुली से फोन पर बात कर हाल जाना था और कहा था कि भाजपा सरकार गांगुली के इलाज का पूरा खर्च उठाएगी।