पाट की कीमत में गिरावट, जूट उद्योग ने स्मृति ईरानी से की हस्तक्षेप की मांग
जागरण संवाददाता, कोलकाता : जूट उद्योग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल (पाट) की कीमतों
जागरण संवाददाता, कोलकाता : जूट उद्योग के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कच्चे माल (पाट) की कीमतों में गिरावट के कारण इस उद्योग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब इसमें हस्तक्षेप के लिए इस उद्योग से जुड़े लोगों ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी को पत्र लिखा है। स्मृति ईरानी को लिखे एक पत्र में भारतीय जूट मिल्स एसोसिएशन (आइजेएमए) के अध्यक्ष मनीष पोद्दार ने कहा है कि कच्चे जूट की कीमतें निर्धारित कीमत से काफी कम है जिससे उद्योग के समक्ष मुसीबत आन पड़ी है। 8 फरवरी को लिखे पत्र में आइजेएमए ने कहा है कि टीडी 5 किस्म के लिए कीमत 7,000 रुपये प्रति टन और टीडी 6 किस्म प्रति टन 10,290 रुपये प्रति टन के निचले स्तर पर है। यह भी कहा गया है कि यह क्रमश: टीडी 5 और टीडी 6 के लिए निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से लगभग 20 फीसद व 35 फीसद नीचे है। पत्र में कहा गया है कि इस कारण किसानों को करीब 1,000 करोड़ रुपये नुकसान का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि जूट उद्योग के लिए आवश्यक पाट का 74 फीसद उत्पादन पश्चिम बंगाल से होता है जबकि बाकी का उत्पादन बिहार, असम जैसे राज्यों से होता है। उद्योग ने जूट निगम ऑफ इंडिया द्वारा खरीद कीमत बढ़ाने के लिए ईरानी से हस्तक्षेप की माग की है।