West Bengal: हाई कोर्ट में 22 से जस्टिस क्लॉक बताएगा लंबित केसों के आंकड़े
कलकत्ता हाई कोर्ट परिसर के गेट के पास स्थापित जस्टिस क्लॉक (न्याय घड़ी) का आगामी 22 जनवरी को उद्घाटन होगा।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। कलकत्ता हाई कोर्ट परिसर के गेट के पास स्थापित जस्टिस क्लॉक (न्याय घड़ी) का आगामी 22 जनवरी को उद्घाटन होगा। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीवी राधाकृष्णन इसका उद्घाटन करेंगे। इसके बाद उसी दिन से जस्टिस क्लॉक यानी इलेक्ट्रोनिक एलईडी डिस्प्ले बोर्ड पर राज्य के सभी न्यायालयों में लंबित व निपटाए जाने वाले मुकदमों की अपडेट जानकारी मिलनी शुरू हो जाएगी।
हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने बताया कि यह एक विशाल एलईडी स्क्रीन है। इसपर राज्यभर की जिला और निचली अदालतों में दीवानी व फौजदारी सभी मुदकमों की स्थिति के बारे भी डिस्प्ले होंगे। यानी हर दिन कितने मुकदमों पर सुनवाई हुई, कितने का निपटारा हुआ, कितने लंबित हैं आदि सभी जानकारी इसके माध्यम से मिलेंगे।
एलईडी बोर्ड पर हाई कोर्ट एवं जिला व अधीनस्थ न्यायालयों की रैकिंग भी दिखाई जाएगी जो सबसे ज्यादा मुकदमे के निपटारे व उनके प्रदर्शन के आधार पर होगा। बताया जा रहा है कि फिलहाल हाई कोर्ट व इसके दो सर्किट बेंच के आंकड़े जस्टिस क्लॉक पर डिस्प्ले नहीं होंगे।
हालांकि जल्द ही हाई कोर्ट में प्रतिदिन निपटाए जाने वाले मामलों व लंबित मुकदमों की जानकारी भी मिलनी शुरू हो जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि हाई कोर्ट के अलावा राज्य के सभी अदालतों में भी अगले चरण में जस्टिस क्लॉक स्थापित की जाएगी। बता दें, केंद्र सरकार ने पिछले साल देश भर के सभी हाई कोर्ट में जस्टिस क्लॉक स्थापित करने का फैसला किया था। इसी कड़ी में कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस क्लॉक स्थापित किया गया है।
जानकारी के अनुसार कलकत्ता उच्च न्यायालय में 22 जनवरी को एक ‘जस्टिस क्लॉक’ लगाई जाएगी जो पश्चिम बंगाल की निचली अदालतों में मामलों की स्थिति बताएगी। कोलकाता उच्च न्यायालय के रजिस्टार जनरल राय चटर्जी ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश टी बी एन राधाकृष्णन इलेक्ट्रॉनिक एलईडी डिस्प्ले बोर्ड और उच्च न्यायालय के ‘ई’ द्वार का उद्घाटन करेंगे। चटर्जी ने कहा कि ‘जस्टिस क्लॉक’ राज्य में सभी जिला और अधीनस्थ अदालतों में लंबित मामलों की संख्या और प्रत्येक की स्थिति बताएगी। यह मामलों के निस्तारण के लिहाज से अदालतों की रैंकिंग भी प्रदर्शित करेगी। राष्ट्रीय न्यायिक डेटा ग्रिड के अनुसार राज्य की विभिन्न अदालतों में कम से कम 22.81 लाख मामले लंबित हैं जिनमें से 17.7 लाख फौजदारी मुकदमे हैं।
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