जादवपुर विवि में छात्र संघ चुनाव को लेकर गरमाई राजनीति
- एबीवीपी व एसएफआइ ने एक दूसरे पर प्रचार में बाधा देने व पोस्टर फाड़ने का लगाया आरोप - पह
- एबीवीपी व एसएफआइ ने एक दूसरे पर प्रचार में बाधा देने व पोस्टर फाड़ने का लगाया आरोप
- पहली बार एबीवीपी ने इस चुनाव में उतारे हैं अपने उम्मीदवार राज्य ब्यूरो, कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय में 19 फरवरी को होने वाले छात्र संघ चुनाव से पहले आरएसएस समर्थित छात्र संगठन एबीवीपी और माकपा समर्थित एसएफआइ के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है। दोनों ने एक दूसरे पर प्रचार में बाधा डालने व अपने अभियानों को विफल करने की कोशिश का आरोप लगाया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राज्य सचिव सप्तर्षि सरकार ने आरोप लगाया कि स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ) ने पिछले दो दिनों में कैंपस के अंदर कई जगहों पर उसके पोस्टरों को हटाकर अपने पोस्टर लगा दिया है। उन्होंने कहा कि एसएफआइ अब किसी भी तरह से एबीवीपी को सीटें जीतने से रोकने के लिए बेताब है। कहा कि वे लोकतंत्र के बारे में बात करते हैं लेकिन दूसरों को प्रचार करने की अनुमति नहीं देते हैं। सरकार ने स्पष्ट कहा कि वह इस तरह की किसी भी रणनीति से डरने वाले नहीं हैं।
दूसरी ओर, एबीवीपी के आरोपों पर पलटवार करते हुए एसएफआइ नियंत्रित कला संकाय के छात्र संघ के महासचिव देवराज देबनाथ ने कहा कि उनके गुंडों ने हमारे पोस्टर और तख्तियां फाड़ दी हैं। हमें रविवार को मुख्य द्वारा के पास जमीन पर फटे हुए पोस्टर और बैनर मिले। इस कृत्य के पीछे एबीवीपी है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद छात्रों को विभाजित करने और हमें आतंकित करने की उनकी कोशिश को हम सफल नहीं होने देंगे।
इधर, विश्वविद्यालय के सूत्रों ने कहा कि 19 फरवरी को होने वाले मतदान में पोस्टर फाड़ने की किसी भी घटना के बारे में अब तक किसी पक्ष ने उन्हें सूचित नहीं किया है। बता दें कि आरएसएस से संबद्ध एबीवीपी ने पहली बार विवि के छात्र संघ चुनाव में सामान्य सीटों पर और आठ केंद्रीय पैनल के पदों के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। केंद्रीय पैनल के पदों में चार कला संकाय और चार इंजीनियरिंग संकाय से हैं। वहीं, एसएफआइ ने भी सभी पदों के लिए अपने उम्मीदवारों को उतारा है। एसएफआइ केंद्रीय पैनल की सभी सीटों और अधिकतर सामान्य सीटों पर चुनाव में जीत को लेकर आत्मविश्वास से लबरेज है।