बर्द्धमान व बोधगया विस्फोट का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
बर्द्धमान व बोधगया विस्फोट के अलावा आतंकी कौसर बांग्लादेश में भी कई मामलों में वांछित है। बांग्लादेश को भी लंबे समय से उसकी तलाश थी।
जेएनएन, कोलकाता। दो अक्टूबर, 2014 को बर्द्धमान के खागरागढ़ व जुलाई 2013 में बिहार के बोधगया में हुए सीरियल बम विस्फोट के मास्टरमाइंड एवं आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के टॉप लीडर मोहम्मद जहीदुल इस्लाम उर्फ कौसर को आखिरकार राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने गिरफ्तार कर लिया है। 38 वर्षीय कौसर पर एनआइए ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। उसे मंगलवार को बेंगलुरु के निकट रामनगरा स्थित एक घर से गिरफ्तार किया गया। उसके ठिकाने से विस्फोटक व कुछ आपत्तिजनक इलेक्ट्रोनिक्स डिवाइस आदि भी बरामद किया गया है। एनआइए को कौसर की लंबे समय से तलाश थी और वह लगातार चमका दे रहा था। उसकी गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसी के लिए बहुत बड़ी सफलता है।
एनआइए के अनुसार, कौसर जेएमबी का शीर्ष नेता होने के साथ इस आतंकी संगठन द्वारा भारत में संचालित जमात-उल-मुजाहिदीन इंडिया (जेएमआइ) का टॉप लीडर है। बर्द्धमान व बोधगया विस्फोट के अलावा कौसर बांग्लादेश में भी कई मामलों में वांछित है। बांग्लादेश को भी लंबे समय से उसकी तलाश थी। इधर, बर्द्धमान धमाके पीछे कौसर का ही हाथ माना जाता है। वहीं, बोधगया ब्लास्ट का भी वह मास्टरमाइंड है। कौसर के ही निर्देश पर उसके करीबी मुस्तफिजुर रहमान उर्फ शाहीन ने बोधगया के महाबोधि मंदिर में विस्फोट को अंजाम देने के लिए विस्फोटक सामग्री जुटाने के साथ बम भी लगाए थे।
अपनी पहचान छिपाने के लिए कौसर कई नाम से जाना जाता था। मुन्ना, मिजान एवं बोमा मियां नाम से भी उसे जाना जाता था। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, कौसर मूल रूप से बांग्लादेशी नागरिक है, परंतु जाली दस्तावेजों के आधार पर वह यहां भारतीय नागरिक के रूप में अवैध तरीके से रह रहा था। वह कथित तौर पर बर्द्धमान के बाबूरबाग का निवासी बताता था। बर्द्धमान के अलावा बीरभूम जिले के बोलपुर में भी उसका घर है।
कौसर को ट्रांजिट रिमांड पर पटना ले गई एनआइए की टीम
गिरफ्तारी के बाद कौसर को बेंगलुरु में विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया। एनआइए अदालत ने पांच दिनों की ट्रांजिट रिमांड की अर्जी मंजूर कर ली। इसके बाद एनआइए टीम उसे लेकर पटना के लिए रवाना हो गई। उससे बोधगया व बर्द्धमान विस्फोट के मामले में सघन पूछताछ जारी है। जांच एजेंसी को कौसर से विस्फोट के बारे में कई महत्वपूर्ण सुराग सहित जेएमबी के भारत में नेटवर्क के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है।
बर्द्धमान विस्फोट
दो अक्टूबर, 2014 को बर्द्धमान के खागरागढ़ इलाके में स्थित एक दो मंजिला इमारत में बड़ा विस्फोट हुआ था, जिसमें बम तैयार करते वक्त जेएमबी के दो आतंकियों की मौत हो गई थी जबकि दो अन्य घायल हो गया था। बाद में इस मामले को एनआइए को सौंप दिया गया और जांच में जेएमबी के पश्चिम बंगाल में फैले बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ। इस मामले में एनआइए ने कुल 21 लोगों को अभियुक्त बनाया जिनके खिलाफ 164 पेज की चार्जशीट दायर की। इनमें से 14 जेएमबी आतंकियों को एनआइए पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि 7 अभी भी फरार है। इन सातों के खिलाफ भी एनआइए इनाम घोषित कर रखा है। इससे पहले सितंबर, 2017 में कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इस कांड के एक अन्य प्रमुख आरोपी बेरहान शेख को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ एनआइए ने तीन लाख का इनाम घोषित कर रखा था।
बोधगया विस्फोट मामले में दो अन्य आतंकियों को 15 दिनों की रिमांड
बोधगया विस्फोट मामले में 3 अगस्त को केरल के मल्लपुरम से गिरफ्तार किए गए दो अन्य आतंकियों अब्दुल करीम उर्फ छोटा एवं मुस्तफीजुर रहमान उर्फ शाहीन को 15 दिनों की एनआइए रिमांड में भेज दिया गया है। दोनों पर इस साल 19 जनवरी को बिहार के बोधगया के कालचक्र मैदान से बरामद हुए विस्फोटक एवं आइईडी को प्लांट करने का आरोप है। ये दोनों आतंकी पश्चिम बंगाल ही रहनेवाला है। इनमें से अब्दुल करीम (19) मुर्शिदाबाद के एलीजाबाद का जबकि मुस्तफीजुर (37) बीरभूम जिले का निवासी है।