West Bengal: फंड की कमी से जूझ रहे जेएमबी ने शुरू किया डकैत गैंग
Dacoit Gang. केंद्रीय खुफिया ब्यूरो सूत्रों के मुताबिक जेएमबी के सदस्य पश्चिम बंगाल तथा असम में आयात निर्यात करने वाले व्यवसायियों तथा ज्वेलरी दुकानदारों को टारगेट कर रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Dacoit Gang. फंड की कमी से जूझ रहे आतंकी संगठन जमात उल मुजाहिदीन बांग्लादेशी यानी जेएमबी ने अब डकैत गैंग शुरू किया है। लूट की रकम से वह अपना फंड मजबूत कर रहे हैं। केंद्रीय खुफिया ब्यूरो सूत्रों के मुताबिक जेएमबी के सदस्य पश्चिम बंगाल तथा असम में आयात निर्यात करने वाले व्यवसायियों तथा ज्वेलरी दुकानदारों को टारगेट कर रहे हैं।
दरअसल, पिछले कुछ वर्षों में एक के बाद एक जेएमबी नेताओं की गिरफ्तारी तथा उनके बैंक अकाउंट जप्त होने के बाद संगठन की आर्थिक की स्थिति लगातार खराब होती गई है। अब इस समस्या से निबटने के लिए संगठन ने अपहरण करके फिरौती तथा डकैती की योजना बनाई है। इसके तहत संगठन ने असम तथा पश्चिम बंगाल में स्लीपर सेल के सदस्यों का विशेष ग्रुप तैयार कर उनके जरिए ऑपरेशन चलाने का खाका तैयार किया है।
मालूम हो कि खागड़ागढ़ विस्फोट के बाद जेएमबी के शीर्ष नेता बंगाल से फरार हो गए थे और उन्होंने दक्षिण भारत में अपना नया ठिकाना बनाया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दक्षिण भारत में संगठन के नेता सदस्यों के जरिए डकैती की साजिश रच रहे हैं। 2018 के मार्च-अप्रैल महीने में जेएमबी सदस्यों ने बेंगलुरु में कई डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया है। लूट की रकम से विस्फोटक तैयार करने के लिए लैबोरेटरी खोली गई है। इसके साथ ही स्लीपर सेल के सदस्यों के पास रुपए पहुंचाए जा रहे हैं। नए आतंकियों को भी नियुक्त किया जा रहा है।
स्लीपर सेल के सदस्य कुछ दिन भूमिगत रहने के बाद फिर से सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने अब असम में अपना नया ठिकाना बनाया है। पता चला है कि बांग्लादेश के शीर्ष जेएमबी नेता वहां जाकर नियमित आतंकियों के साथ बैठक कर रहे हैं। इसके बाद से असम पुलिस सक्रिय हो गई तथा अभियान चलाकर जेएमबी सदस्यों को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ के बाद ही पता चला है कि संगठन फिलहाल आर्थिक तंगी से जूझ रहा है और इसके समाधान के लिए संगठन ने डकैत गैंग शुरू किया है। आतंकी ही डकैती की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। पता चला है कि जेएमबी के शीर्ष नेताओं ने सीमा पार 15 से 20 सदस्यों को प्रशिक्षण दिया है।
प्रत्येक के हाथ में स्मॉल आर्म्स है। असम में भी उन्होंने अपनी घाटी बनाई है। इसका नाम दिया गया है रबर ग्रुप। मालदा, मुर्शिदाबाद समेत उत्तर बंगाल के कुछ जिलों में वह फिलहाल फैल गए हैं। वहीं से आयात-निर्यात करने वाले व्यवसायियों, ज्वेलरी के दुकानदारों की पूरी जानकारी ले रहे हैं तथा बाद में उन्हें टारगेट बना रहे हैं।