जेल से अलकायदा की बांग्लादेश इकाई चला रहा था जमीउद्दीन
जेल में बैठकर जमीउद्दीन आतंकी साजिश रचकर उसे अंजाम देने का जिम्मा संगठन के अन्य सदस्यों को सौंपता था।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथों दबोचे गए अलकायदा की बांग्लादेश इकाई अंसार बांग्ला टीम के तीनों आतंकियों से पूछताछ में धीरे-धीरे कई राज खुलते जा रहे हैं। पता चला है कि ब्लॉगरों की हत्या के कारण बांग्लादेश में प्रतिबंधित अंसार बांग्ला से ये लोग जुड़े हैं। उनका आका जेल में बैठकर आतंक की साजिश रचता था और ये लोग उसे अंजाम देते थे।
मूल रूप से बांग्लादेश में गठित हुए इस संगठन के सरगना का नाम मुफ्ती जमीउद्दीन है। बांग्लादेश के ब्लॉगर व जनजागरण मंच के सदस्य अहमद राजीव हैदर की हत्या के आरोप में जमीउद्दीन फिलहाल जेल में सश्रम कारावास की सजा काट रहा है। एसटीएफ के हाथों पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ में इस बात के संकेत मिले हैं कि जेल में बैठकर जमीउद्दीन आतंकी साजिश रचकर उसे अंजाम देने का जिम्मा संगठन के अन्य सदस्यों को सौंपता था।
ढाका के मोहम्मदपुर में उसने एक इस्लामिक संगठन की स्थापना की है, जिसके नाम पर वसूले गए रुपये से उसने एक मदरसे और मस्जिद की स्थापना की थी, जहां युवाओं को जेहाद के लिए तैयार करता था। पकड़े गए तीनों आतंकी शमशाद, रियाज और शहादत भी वहीं तैयार हुए हैं। फिलहाल एसटीएफ की टीम यह जांच करने में जुटी है कि इन आतंकियों को फंडिंग कहां से होती रही है।
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