West Bengal: सीएए-एनआरसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन से दूर रहे विपक्ष: जयराम रमेश
Jairam Ramesh. जयराम रमेश ने कहा कि कुछ चीजें राजनीतिक दल नहीं कर सकते और नहीं करनी चाहिए। हमें इन विरोध-प्रदर्शनों को स्वत स्फूर्त रहने देना चाहिए।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ जारी देशव्यापी आंदोलन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। विपक्षी दलों को इन विरोध-प्रदर्शनों से एक हाथ की दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इन जन आंदोलनों को जबरन अपना मुद्दा बनाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता ने कहा-'कुछ चीजें राजनीतिक दल नहीं कर सकते और नहीं करनी चाहिए। हमें इन विरोध-प्रदर्शनों को स्वत: स्फूर्त रहने देना चाहिए, क्योंकि ये भाजपा सरकार के खिलाफ जनाक्रोश दर्शाता है। जिन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है, वहां की सरकारों ने सीएए-एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव लाया है। जो भी संवैधानिक तथा लोकतांत्रिक प्रक्रिया है, वह किया गया। हम राजनीतिक दल के तौर पर संसद के पटल पर इसके खिलाफ लड़े, लेकिन हार गए क्योंकि हमारे पास पर्याप्त संख्या नहीं थी। हम अदालत भी गए इसलिए मैं मानता हूं कि जबरन इसे मुद्दा बनाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए।'
राह में कांटे पैदा न करें वरिष्ठ नेता
कोलकाता में एक न्यूज एजेंसी के साथ विशेष बातचीत में दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी में व्याप्त आंतरिक कलह पर रमेश ने कहा कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए नेताओं के अहंकार और महत्वाकांक्षाओं का एक साथ खत्म होना वक्त की मांग है। पार्टी को सुरंग के आखिर में रोशनी देखने से पहले लंबा सफर तय करना है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को एक उम्र के बाद युवा नेताओं का मार्गदर्शन करना चाहिए, न कि उनकी राह में कांटे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा-'आंतरिक गुटबाजी खत्म करने के लिए हम सभी काम कर रहे हैं। किसी एक के हाथ में जादू नहीं होता है। यह सामूहिक प्रयास है। यह सामूहिक काम सामूहिक अनुशासन और हर व्यक्ति के अहंकार को मिलकर खत्म करने का आह्वान होगा।'
सतर्क रहें कांग्रेस नेता
देश की सबसे पुरानी पार्टी की भविष्य की रणनीति के बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा-'हम सभी की अपनी-अपनी महत्वाकांक्षाएं हैं, लेकिन अभी केवल एक ही महत्वाकांक्षा होनी चाहिए, वह है पार्टी को फिर से खड़ा करना। कांग्रेस के समर्थकों को रोककर रखना और सत्ता में लौटना। कांग्रेस नेताओं को बहुत सतर्क रहने की जरूरत है कि वे क्या बोलते हैं और क्या करते हैं क्योंकि भाजपा चीजों का ध्रुवीकरण करने और सांप्रदायिकता फैलाने की हमेशा कोशिश करेगी।'