West Bengal Election: जगमोहन डालमिया की बेटी बैशाली को टीएमसी ने पार्टी से किया निष्कासित
West Bengal Assembly Election 2021 बंगाल में तृणमूल कांग्रेस विधायक बैशाली डालमिया को पार्टी से निकाल दिया गया है। टीएमसी की अनुशासनात्मक समिति ने कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए डालमिया को निष्कासित करने का फैसला किया है।
कोलाकाता, राज्य ब्यूरो। मंत्री पद से राजीब बनर्जी के इस्तीफे के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेतृत्व ने शुक्रवार को पिछले कुछ समय से बागी तेवर अपनाए हावड़ा के बाली से तृणमूल विधायक बैशाली डालमिया को पार्टी से निष्कासित कर दिया। तृणमूल की अनुशासन कमेटी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते उनको दल से निष्कासित करने का फैसला किया। गौरतलब है कि बीसीसीआइ के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत जगमोहन डालमिया की बेटी बैशाली ने मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले राजीब बनर्जी के पक्ष में शुक्रवार को भी बयान दिया था। इससे पहले उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले उत्तर हावड़ा से ही विधायक लक्ष्मी रतन शुक्ला का भी समर्थन किया था।
बैशाली पिछले कुछ समय से लगातार आरोप लगा रही हैं कि दल के भीतर विधायकों व मंत्रियों को लगातार अपमानित किया जा रहा है। इसी के चलते एक-एक कर लोग पार्टी छोड़ रहे हैं। उन्होंने राजीब बनर्जी के इस्तीफे के बाद शुक्रवार को उनका बचाव करते हुए कहा कि उनके इस्तीफे से न सिर्फ दल को बल्कि अनेक लोगों (आम नागरिकों) को नुकसान हुआ है, जिसके लिए वह काम करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमें भी पार्टी में काफी अपमानित किया जाता है। दल में जो अच्छे लोग हैं उनके लिए कोई जगह नहीं है, उन्हें लगातार प्रताड़ित व अपमानित किया जा रहा है। जिन्हें स्वाभिमान है वह अपमान नहीं सह सकते हैं। वैशाली ने यह भी कहा कि पेड़ के पत्ते एक-एक कर गिरने से पेड़ को ही नुकसान होता है। दल के लोग ही दल को कमजोर कर रहे हैं। इधर, बैशाली को निष्कासित किए जाने पर हावड़ा जिला तृणमूल कांग्रेस के चेयरमैन व मंत्री अरूप राय ने कहा कि पार्टी ने सही फैसला लिया है। पार्टी को कमजोर करने की जो लोग कोशिश कर रहे हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। गौरतलब है कि पिछले काफी समय से बैशाली तृणमूल के खिलाफ मोर्चा खोले हुई हैं।
राजीब के इस्तीफे पर विवाद, ममता का दावा हमने मंत्री पद से हटाया
इधर, राजीब बनर्जी के मंत्री पद से इस्तीफे पर विवाद भी खड़ा हो गया है। दरअसल, राजीब ने ममता बनर्जी के कार्यालय में इस्तीफा पत्र जमा देने के बाद राजभवन जाकर राज्यपाल को भी इस्तीफा पत्र सौंपा और उनके साथ एक घंटे तक बैठक भी की। यह बात राज्य सरकार को नागवार गुजरी है। राज्य सरकार के सूत्रों का कहना है कि चूंकि मंत्रियों की नियुक्ति मुख्यमंत्री करतीं हैं, इसीलिए सीधे राज्यपाल को जाकर इस्तीफा सौंपना संवैधानिक नियमों के विरुद्ध है। सरकारी सूत्रों ने दावा किया कि इस्तीफा स्वीकार करने की बजाय मुख्यमंत्री ने राजीब को मंत्री पद से हटा दिया है।
बंगाल में अप्रैल-मई में ही विधानसभा का चुनाव होना है और उससे पहले लगातार तृणमूल के नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। राजीब बनर्जी तीसरे मंत्री हैं जिन्होंने इस्तीफा दिया है। बनर्जी से पहले कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी और लक्ष्मी रतन शुक्ला ने इस्तीफा दिया था। 27 नवंबर को परिवहन मंत्री पद से इस्तीफे के बाद सुवेंदु पिछले महीने 19 दिसंबर को तृणमूल के छह अन्य विधायकों एवं एक लोकसभा सांसद के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए थे। वहीं, तीन दिन पहले नदिया के शांतिपुर से तृणमूल विधायक अरिंदम भट्टाचार्य ने भी दिल्ली जाकर भाजपा का दामन थाम लिया था। इससे पहले उत्तर बंगाल से एक तृणमूल विधायक मिहिर गोस्वामी भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।